आप भी जान ले ब्रू शरणार्थी कौन है, जिन्हे बसाने के लिए केंद्र देगी 600 करोड़ 

त्रिपुरा, 18 जनवरी : प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी मिजोरम के 30 हज़ार ब्रू शरणार्थियों को त्रिपुरा में स्थाई रूप से बसाने की दिशा में उठाये गए कदम पर ख़ुशी जाहिर की है. उन्होंने कहा कि इससे शरणार्थियों को बड़ी मदद मिलेगी।

मोदी ने कहा कि ब्रू-रियांग शरणार्थियों को  सरकार की कई बड़ी और कल्याणकारी योजनाओं का मिल सकेगा। इससे पहले गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और त्रिपुरा के ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। इस समझौते के साथ ही ब्रू शरणार्थी समस्या का स्थाई हल निकल गया है.

शाह ने कहा कि 30 हज़ार ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा। इसके लिए 600 करोड़ रुपए के पैकेज का ऐलान किया है. मोदी ने इस दौरान ट्वीट किया, वास्तव में यह दिन खास है. उनकी सरकार पूर्वोत्तर और वहां के लोगों के विकास के लिए प्रतिबद्ध है. इस समझौते से ब्रू-रियांग शरणार्थियों को बहुत मदद मिलेगी। उन्हें कई योजनाओ का भी लाभ मिलेगा।

गौरतलब है कि विस्थापित ब्रू आदिवासी 1997 से त्रिपुरा के अलग-अलग हिस्सों में शरणार्थियों के रूप में रह रहे थे.

कौन है ब्रू शरणार्थी

 

मिजोरम में मिजो जनजातियों का कब्ज़ा बनाये रखने के लिए मिजो उग्रवाद ने कई जनजातियों को निशाना बनाया जिसे वह बाहरी समझते थे. 1995 में यंग मिजोरम एसोसिएशन और मिजो स्टूडेंटस एसोसिएशन ने ब्रू जनजाति को बाहर घोषित कर दिया।

अक्टूबर 1997 में ब्रू लोगों के खिलाफ  जमकर हिंसा हुई. इसमें दर्जनों गांव के सैकड़ों घर जला दिए गए. ब्रू शरणार्थी वहां से भाग कर त्रिपुरा में शरण लेने लगे. तभी से उनके  लिए कैंप चलाये  जा रहे है.