योगी का फरमान…कोरोना जांच रिपोर्ट नहीं, तो बजट सत्र में प्रवेश की अनुमति भी नहीं

लखनऊ. ऑनलाइन टीम : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ जोगी के सख्त निर्णयों के चलते इस बार राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई है। फरमान जारी हुआ है कि वे विधायक जिन्होंने 14 फरवरी को या उसके बाद अपना कोविड परीक्षण नहीं करवाया है, उन्हें गुरुवार से शुरू होने वाले राज्य विधानसभा के बजट सत्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।

कोरोना संक्रमण की तेज गति को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। हालांकि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा फिलहाल वहां के हालात अच्छे ही हैं। लोग भी मानते हैं कि योगी प्रशासन की कड़ाई का ही असर है कि महामारी को फैलने से यहां काफी हद तक नियंत्रित किया जा सका।

मालूम हो कि बजट सत्र 18 फरवरी से राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के संबोधन के साथ दोनों सदनों के संयुक्त सत्र से शुरू होगा। चूंकि बजट इस बार पेपरलेस होगा, इसलिए बजट की मुद्रित प्रतियां उपलब्ध नहीं होंगी। सभी विधायकों को अपने आईपैड पर बजट मिलेगा और बजट लिटरेचर केवल वित्त विभाग के ऐप और यूपी विधानसभा की वेबसाइट के माध्यम से उपलब्ध होगा।

बाकायदा स्पीकर हृदय नारायण दीक्षित के माध्यम से विधानसभा के सचिवालय ने सभी विधायकों और एमएलसी के लिए बजट सत्र की शुरुआत से पहले कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य होने संबंधी सर्कुलर जारी किया है। यही नहीं, सभी जिला मजिस्ट्रेटों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को अपने-अपने जिलों में विधायकों के लिए कोरोना परीक्षणों की व्यवस्था करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। स्पीकर ने कहा कि यह एक हाइब्रिड सत्र होगा और विधायकों के पास इसे ऑनलाइन या इसमें व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का विकल्प होगा।