शपथ लेने के साथ ही विवादों में ऐसे घिरे बिहार के शिक्षामंत्री कि इस्तीफा देना ही पड़ा

पटना. ऑनलाइन टीम : बिहार की नई सरकार में मंत्री पद की शपथ लेते ही  शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। इसके पहले गुरुवार की सुबह ही मेवालाल ने पदभार ग्रहण किया। पद संभालने  के बाद मेवालाल ने कहा कि शिक्षा में बदलाव के लिए सरकार ने जो-जो कदम उठाया है, उसे आगे बढ़ाएंगे। शिक्षा में बदलाव को लेकर रोडमैप बनाकर काम होगा।

इन औपचारिकताओं के बाद ही लालू यादव सहित बिहार के अन्य नेताओं ने उन पर जमकर हमला बोला और नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा किया। पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने एक ट्वीट में कहा, “जबकि तेजस्वी ने पहली कैबिनेट बैठक में पहले हस्ताक्षर से 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया था, नीतीश कुमार ने पहले कैबिनेट में एक दागी विधायक को प्राथमिकता दी और उन्हें मंत्री बनाया ..।”

राजद के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद मनोज झा ने ट्वीट किया, “पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी दागी मेवालाल चौधरी और भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह को खोज रहे थे। उन्हें नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री के पद से सम्मानित किया है, जबकि 4 साल पहले सुशील मोदी ने न्यायमूर्ति महफूज आलम समिति द्वारा बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर और वैज्ञानिकों की अवैध भर्ती के लिए दोषी पाए जाने के बाद उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।

तेजस्वी ने  ट्वीट किया  “सहायक प्रोफेसर भर्ती घोटाले में शामिल और शिक्षा मंत्री के रूप में भवन निर्माण में भ्रष्टाचार में शामिल मेवालाल चौधरी को नियुक्त करके, क्या सीएम ने उन्हें अधिक भ्रष्टाचार और लूट में लिप्त होने के लिए स्वतंत्र छोड़ दिया है?”
पलटवार करते हुए मेवालाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को पूरी तरह निराधार बताया और कहा कि मेरे ऊपर कोई चार्जशीट नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्नी की मौत के लिए मुझे जिम्मेदार बताने वालों पर मानहानि का मुकदमा करेंगे। जिस आईपीएस अधिकारी ने यह आरोप लगाए हैं, उनके खिलाफ 50 करोड़ रुपये का मानहानि का केस कर रहा हूं। मेरे खिलाफ कोई तथ्य नहीं है, जिसकी जांच की बात हो।

बता दें कि तारापुर से निर्वाचित जेडीयू विधायक डॉ मेवालाल चौधरी को पहली बार कैबिनेट में शामिल किया गया है। राजनीति में आने से पहले वर्ष 2015 तक वह भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। वर्ष 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद राजनीति में आए। इसके बाद जदयू से टिकट लेकर तारापुर से चुनाव लड़े और जीत गए।  मेवालाल चौधरी की पत्नी स्व. नीता चौधरी राजनीति में काफी सक्रिय रही थीं। वह जदयू के मुंगेर प्रमंडल की सचेतक भी थीं। 2010-15 में तारापुर से विधायक चुनी गयीं। वर्ष 2019 में गैस सिलेंडर से लगी आग में झुलसने से उनकी मौत हो गयी थी।