भीख मांगेंगे, लेकिन उधार नहीं देंगे! 

पुणे : समाचार ऑनलाईन – हम एक बार भीख मांगने के लिए तैयार हैं, लेकिन उधारी पर व्यवसाय नहीं करेंगे। ऐसा संकल्प पुणे के व्यापारियों ने किया है। व्यवसाय में कटौती हुई तो भी चलेगा, लेकिन उधारी पर ब्रेक लगाना जरूरी है। यह मैसेज ही व्यापारियों ने दिया है। गत कुछ समय से मंदी का माहौल है। इसबीच मार्केट में चलने वाली नकदी/कैश भी कम हुआ है। उसका असर छोटे व्यापारियों पर ज्यादा हुआ है। इसलिए उधारी वसूल न होने से परेशान व्यापारियों ने व्यापार का स्वरूप बदलने की ठान कर खुद के साथ दूसरों को भी उधारी के व्यवहार से दूर रखने का प्रयास शुरू कर दिया है। इस संबंधी प्रतिक्रियाएं कुछ व्यापारियों ने दै। ङ्गआनंदफ प्रतिनिधि को दी। उधारी पर व्यापार पद्धति को बदलने की जरूरत  किसी पर भरोसा रखने का समय, हालात नहीं रहा है। उधार माल देकर बाद में उसकी वसूली हेतु चक्कर लगाने की यह व्यापार पद्धति अब बदलने की जरूरत हैं। क्योंकि उत्पाद तैयार करने वाली कंपनियां पहले पैसे लेती हैं और फिर माल भेजती है। ऐसे में व्यापारी खुद की जेब से पैसे डाल कर कंपनी से माल खरीदता है, लेकिन आगे यही माल वो उधारी पर बेचता हैं। मुनाफे का मार्जिन कम होने से व्यापारियों का पैसा फंस जाता है। इसलिए नगदी व्यवहार हो, यह मेरी राय है।

पराग शाह, दिलीपकुमार मंगलदास फर्म 
फोन – 020-24471206

उधारी वसूल न होने पर टेंशन बढ़ता है  मैंने उधारी को खतरे को 5-7 साल पहले ही भांप लिया था। इसलिए मैंने ऐसे व्यवहार बंद कर दिये। मैं नकद व्यवहार ही करता हूं। सतत उधारी पर माल देने से सामने वाले व्यापारियों को बुरी आदतें लग जाती हैं। ऐसा मेरा निरीक्षण है। हमें व्यापार क्षेत्र में गलत धंधों पर रोक लगानी है, तो उधारी बंद करनी चाहिए। लगातार उधारी वसूल न होने से व्यापारियों का टेंशन