विवाद खड़ा करने वाले लेखक को भाजपा से बाहर क्यों नहीं निकाला गया ?

मुंबई, 15 जनवरी – नरेंद्र मोदी को शिवाजी कहने वाले  लेखक पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई ? पुस्तक से लोगों को भावनाएं आहत हुई है. सब कुछ  जान बूझकर करने वाले लेखक को भाजपा से क्यों नहीं निकाला गया ? इस तरह से सवाल शिवसेना ने सामना में उठाया है.  आज के शिवाजी – नरेंद्र मोदी पुस्तक पर शिवसेना  ने फिर से भाजपा पर निशाना साधा है।

इस पुरे विवाद पर पुस्तक के लेखक ने कहा है कि मैंने पुस्तक वापस नहीं लिया है न लूंगा। मैं  फिर से इसकी रचना करूँगा। सामना में कहा गया है कि झूठी प्रसिद्धि पाना चाहता है. इसलिए उसे प्रसिद्धि मिली है. वही जेएनयू में नारेबाजी करने वालों को जेल भेजने की भी मांग की जा रही है. ऐसा है तो नरेंद्र मोदी को शिवाजी बताने वाले लेखक पर क़ानूनी कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
आज के शिवाजी नरेंद्र मोदी पुस्तक का विवाद पैसा होने पर शरद पवार को जानता राजा कहने वाले कार्यकर्ताओ पर सवाल खड़े किये जा रहे है. इस पर भी शिवसेना ने हमला बोला है।

नरेंद्र मोदी पर लिखी गई पुस्तक के विवाद में शिवसेना ने कहा है कि यह आग ठंडी नहीं होगी। हाल के समय में भाजपा के कुछ नेताओ ने जानता राजा का मुद्दा उठाया था. लेकिन कहा शिवाजी राजे व कहा ये सब नवसे, गवशे। सामना में कहा  गया  है कि वीर सावरकर को भारतरत्न, राष्ट्रपुरुष के तौर पर शामिल किया जाये और वीर सावरकर पर गलत बयान दे रहे है उसके खिलाफ केस दर्ज करने का फरमान गृह मंत्रालय ने जारी किया है. ये होगा क्या ? शिवसेना सावरकर को लेकर अपने रुख को नहीं बदल सकती है।