सोने व चांदी की तरह हीरों में भी निवेश करना क्यों है लाभप्रद, जानिए 

पुुुणे : समाचार ऑनलाईन –  हम जिस तरह सोना व चांदी में निवेश करते हैं, उसी तरह यदि हीरों के गहनों में निवेश किया जाए तो वह किस प्रकार लाभप्रद होगा तथा दैनिक जीवन में हीरे के उपयोग का आनंद उठाया जा सकेगा, यह जानकारी इस विषय में मार्गदर्शन करने वाली एकमात्र संस्था रविराज डायमंड इंस्टीट्यूट द्वारा दी गई।

इस विषय में जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि जीवन के तनावपूर्ण होने की वजह से अधिकांश लोग ज्योतिषियों से सलाह लेने लगे हैं व अपने ग्रहयोग के आधार पर विभिन्न राशियों के रत्नों का उपयोग करने लगे हैं। यह जीवन को सुखी व संतुष्ट बनाने की दृष्टि से किया जाता है। कई बार अखबारों में समाचार छपते हैं कि बुजुर्ग महिला का मंगलसूत्र या सोने की चेन छीनी गई। ऐसी घटना के बाद बुजुर्ग महिला जान का खतरा भांपकर हजारों रुपए का नुकसान उठाती हैं। उन्हें छीनी गई चीज वापस मिलने की कोई उम्मीद नहीं रहती। हीरा (डायमंड) व राशि के रत्नों (जिमोलॉजी) की जानकारी नागरिकों तक पहुंचाने की दृष्टि से पुणे में इस प्रकार की सरकार से मंजूरी प्राप्त संस्था के गठन के उद्देश्य से डायमंड विषय के सभी लेवल के डिप्लोमा कोर्स पूर्ण कर चुके व डायमंड सर्टिफिकेशन का कार्य कर रहे अभिषेक मुथा ने कस्तुरे चौक परिसर में रविराज डायमंड इंस्टीट्यूट शुरू किया है।

इस संस्था द्वारा डायमंड व जिमोलॉजी से संबंधित कोर्स तैयार किए गए हैं। उनमें डिप्लोमा इन डायमंड ग्रेडिंग एंड वेल्युएशन, डिप्लोमा इन जिमोलॉजी एंड वेल्युएशन, डिप्लोमा इन ज्वैलरी वेल्युएशन, लेबोरेटरी सर्टिफिकेशन कोर्स एवं एस्ट्रोलॉजी (एस्ट्रो-लॉजिक) आदि कोर्स शामिल हैं। इन जानकारियों के बल पर इस क्षेत्र में विभिन्न कार्य करने वाले व्यवसायी अपना कार्य ज्यादा सक्षमता के साथ कर सकते हैं।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि फिलहाल युवा पीढ़ी कम समय में ज्ञान प्राप्त करने का प्रयास कर रही है। हम उन्हें आश्वस्त करना चाहते हैं कि इस क्षेत्र में पदार्पण कर ज्ञान व पैसा कमाएं। बेरोेजगारी की समस्या गंभीर हो गई है। ऐसे लोगों के लिए ज्वेलरी क्षेत्र में बहुत अवसर उपलब्ध हैं। उनका लाभ उठाने हेतु पहले पर्याप्त ज्ञान प्राप्त करें। हम दावा करते हैं कि उन्हें इस व्यवसाय में खुशी व ऐश्वर्य प्राप्त होगा।