शिवसेना को कांग्रेस से क्यों नहीं मिला ‘समर्थन’, इस एक ‘फोन कॉल’ से कैसे बदला माहौल? जानें…

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन- कल यानि कि सोमवार को कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेताओं की एक बैठक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई थी. कांग्रेस पार्टी शिवसेना को समर्थन दे या नहीं? यह बैठक करीब 2 घंटे चली थी, लेकिन कांग्रेस में विचार-विमर्श का दौर दिनभर जारी रहा. अब खबर आ रही है कि आज फिर कांग्रेस नेताओं की बैठक होने वाली है, जिसमे इस संबंध में निर्णय लिया जाएगा.

‘इनके’ एक फोन काल ने बदला माहौल…

कांग्रेस कि बैठक के बाद सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई थी कि कांग्रेस शिवसेना को समर्थन देने के लिए तैयार है. लेकिन इस घटनाक्रम में ट्विस्ट जब आ गया, तब शरद पवार ने सोनिया गांधी को फोन किया और कहा कि,सरकार बनाने को लेकर अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हो पाया है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से सरकार बनाने को लेकर अभी कोई भी प्रस्ताव नहीं आया है. यह सुनने के बाद सोनिया गाँधी चौंक गई और अपने फैसले को सुरक्षित रखा है. अब नजरें आज के घटनाक्रमों पर टिकी हुई है.

सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने कल शाम 6 बजे शरद पवार को फोन किया था. लगभग 15 मिनट तक दोनों ने चर्चा की. इस बातचीत में शरद पवार ने सोनिया को थोड़ा रुकने का सुझाव दिया है. साथ ही पवार ने सोनिया से अपने नेताओं को चर्चा के लिए आज (12 नवंबर 2019) मुंबई भेजने को कहा है.

आज कांग्रेस और NCP की मीटिंग में बनेगी नई रणनीति?

हालाँकि मीडिया में पिछले दिनों यही खबर छाई हुई थी कि शिवसेना और NCP साथ आ रहे हैं.  सोनिया गांधी भी इससे अनभिज्ञ नहीं थी. ऐसे में शरद पवार ने समर्थन को लेकर जो बात कही इसकी सोनिया को उम्मीद नहीं थी. इसलिए, उन्होंने चर्चा के बाद एनसीपी के नेताओं के साथ विचार-विमर्श करने का फैसला किया है. इसलिए आज दो कांग्रेस नेताओं की बैठक में क्या रणनीति बनती है यह देखने वाली बात होगी.

एंटनी-खड़गे शिवसेना के साथ सत्ता नहीं चाहते

एक ओर महाराष्ट्र के नेता शिवसेना में शामिल होने के लिए तैयार हैं वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, एके एंटनी और केसी वेणुगोपाल शिवसेना का साथ नहीं चाहते, जबकि कांग्रेस हाईकमान सोनिया गाँधी को शिवसेना के साथ आने में कोई आपत्ति नहीं है. इसलिए कई ऐसा न हो कि शिवसेना को समर्थन देने के चक्कर में कांग्रेस पार्टी में ही फुट न पड़ जाए. इसलिए आज का दिन महाराष्ट्र से लेकर दिल्ली तक की राजनीती के लिए महत्वपूर्ण है. कौन  सी पार्टी महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होगी यह स्थिति आज शाम तक स्पष्ट होने की संभावना है.

बता दें कि कल शिवसेना सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से 48 घंटे का समय माँगा था, लेकिन राज्यपाल ने इससे इंकार कर दिया. इसके बाद राज्यपाल द्वारा राज्य की तीसरी बड़ी पार्टी NCP को आज सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए आमंत्रित किया गया है.