उन कौवो को अन्य पार्टियों के पिंजरे से भगाने वाले कौन थे ? उद्धव ठाकरे का सवाल 

 

मुंबई : समाचार ऑनलाईन –  राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र भाजपा-शिवसेना में बड़ी मेगा भर्ती चल रही है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं की आउटगोइंग रुकने का नाम ले रही है. इस तरह से युति की तरफ से विरोधी दलों के नेताओं को तेज़ी से अपनी तरफ खींचने का काम जारी है. इस राजनीतिक घटनाक्रम पर शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सामना के संपादकीय के जरिये राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रमुख शरद पवार पर जोरदार हमला बोला है.  सामना में लिखा है कि शरद पवार ने कहा था कि जो छोड़ कर गए वे कौवा और अब उड़ गए मावल के दम पर पार्टी को बांधने का विश्वास जताया था, इस पर समाना में लिखा है कि जो कौवा उड़ गए उन कौवो को अन्य पार्टियों के पिंजरे भगाने वाला कौन था? पवार साहेब आप ही थे. राष्ट्रवादी के 15 वर्षों की सत्ता का अनाज, मलाई खाकर ये कौवे मतबाले नहीं हो सके।  कौवे अंत तक कौवे ह रहेंगे।

कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस में बड़ा लीकेज  
इस संपादकीय में लिखा है कि शिवसैनिकों ने संकट के समय जिस भाषा का इस्तेमाल किया उसी भाषा का उपयोग करके मुरझाये राष्ट्रवादी कांग्रेस को ऊर्जा देने का काम पवार कर रहे है. कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस में बड़ा लीकेज हो गया है. पवार साहेब ने कार्यकर्ताओं से कहा है, चिंता नहीं करे, जो उड़ गए वे कौवे। इसे लेकर कहा गया है कि पवार की महाराष्ट्र में सम्मान है, लेकिन राजनीति में उनके विषय का डर खत्म हो गया है.
देश भर में दूसरी पार्टी के लोग भाजपा में शामिल हो रहे 
कांग्रेस से बड़ी संख्या में लोग भाजपा में आ रहे है. ये लीकेज केवल महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि देशभर में चल रहा है. बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, तेलगूदेशम जैसी पार्टियों के लोग भाजपा में छलांग लगा रहे है. महाराष्ट्र में इस लीकेज ने ज़ोर पकड़ ली है. कांग्रेस राष्ट्रवादी के दिग्गज भाजपा या शिवसेना में एक पैर पर आने को तैयार है. नारायण राणे पहले शिवसेना में थे. वे कांग्रेस में चले गए. वहां से वह भाजपा में गए.
राष्ट्रवादी के दुधारू जानवर बाहर आ रहे है
पिछले तीन महीने में लोकसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद महाराष्ट्र में कांग्रेस पार्टी खाली हो गई हैं. जबकि राष्ट्रवादी के तबेले से कई दुधारू गाये अपनी रस्सी तोड़ कर बाहर आ रहे है. ऐसा क्यों हो रहा है.