अमरावती, 25 जून : अमरावती जिले के नागरवाड़ी संत गाडगेबाबा का अंतिम स्थान है। इस नागरवाड़ी में संत गाडगेबाबा ने अपनी अंतिम सांस लेने की इच्छा व्यक्त की थी। नागरवाड़ी महाराष्ट्र सरकार के पर्यटन सूची में भी शामिल है। पर्यटन स्थल की वजह से हज़ारों नागरिक इस पर्यटन स्थल में घूमने आते है। लेकिन बारिश में यहां की सड़क की हालत काफी ख़राब हो गई है।
वनी बेलखेड से नागरवाड़ी तीन किलोमीटर लंबी सड़क है। लेकिन इस सड़क में जगह जगह पर कीचड़ फैला है। इस सड़क पर कई बाइक या पैदल चलने वाले स्लिप करके गिरते रहते है। यह तीन किलोमीटर सड़क अमरावती जिला परिषद् के बांधकाम विभाग के क्षेत्र में आता है। लेकिन पिछले तीन वर्षों से इस सड़क का निर्माण कराने की मांग यहां के ग्रामीण कर रहे है।
लेकिन जिला परिषद् की राजनीति की वजह से इस सड़क का काम अटका हुआ है। इस वजह से गुरुवार को वनी बेलखेड के नागरिकों ने इस सड़क पर फैले कीचड़ में लेटकर आंदोलन किया। नागरवाड़ी में संत स्कूल और कॉलेज भी है। नागरवाड़ी जाने के लिए वनी बेलखेड से जाना पड़ता है। पिछले तीन वर्षों से विनती करने के बावजूद जिला के निर्माण विभाग ने इस सड़क का निर्माण नहीं कराया है।
गुरुवार को वनी बेलखेड के मंगेश देशमुख के नेतृत्व में ग्रामीणों ने जिला परिषद् प्रशासन के विरोध नारेबाजी करते हुए आंदोलन किया। खास बात यह है कि यह गांव अमरावती जिला परिषद् के अध्यक्ष बबलू देशमुख के जिला परिषद् का निर्वाचन क्षेत्र में भी आता है. ग्रामीणों दवारा कीचड़ में लेटकर आंदोलन करने की जानकारी मिलने पर ब्राह्मणवाड़ा पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे।
जिला परिषद् इस सड़क को बनाने के लिए तैयार नहीं है तो इसे सार्वजानिक निर्माणकार्य विभाग को हस्तांतरित करने की मांग नागरिकों ने की है। मंगेश देशमुख ने चेतावनी दी है कि अगर इस सड़क का काम नहीं कराया जाता है तो सड़क का पूरा कीचड़ सार्वजानिक निर्माणकार्य विभाग में ले जाकर डाल देंगे।