ये क्या! इस राज्य में रहते हैं 1.17 लाख विदेशी

नई दिल्ली, 16 जुलाई,  समाचार ऑनलाइन – देश का एक राज्य इन दिनों भारी उहापोह में जी रहा है। राज्य से गैर नागरिकों को बाहर निकालने की शुरू हुई प्रक्रिया ने यहां के नागरिकों के रातों की नींद उड़ा दी है। अब एक नये आंकड़े ने सबके होश उड़ा दिए है।

केंद्रीय गृह  राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने जानकारी दी असम में नियुक्त ट्रिब्युनल्स द्वारा इस वर्ष के मार्च माह तक कुल 1.17 लाख लोगों को बाहर का घोषित कर दिया गया। यह जानकारी केंद्रीय गृहमंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को दी। उन्होंने बताया कि असम के विभिन्न जिलों में अभी 100 फॉरनर ट्रिब्युनलकार्यरत हैं।

सांसद अब्दुल खालिक के लिखित सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने बताया, 2019 के 31 मार्च तक कुल 1,17,164 लोगों को ट्रिब्युनल द्वारा विदेशी घोषित कर दिया गया। रेड्डी ने कहा मऊफ (संदिग्ध) मतदाता को चिन्हित करने का काम फॉरनर ट्रिब्युनल के द्वारा नहीं किया गया और उनके द्वारा दायर मामलों की संख्या महीने दर महीने और ट्रिब्युनल दर ट्रिब्युनल जाते रहे।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2014 में दिए गए आदेश के अनुसार गौहाटी हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच नियमित तौर पर फॉरनर ट्रिब्युनल के कार्यों और तौर तरीके को मॉनिटर कर रही है। रेड्डी ने कहा, जो फॉरनर ट्रिब्युनल के विचार से सहमत न हो वह हाईकोर्ट जा सकता है। नागरिकता का निर्णय कानूनी प्रक्रिया है और प्रत्येक शख्स को नागरिकता का दावा साबित करने के लिए पूरा मौका दिया जाएगा।

बता दें कि चुनाव आयोग ने 1997 में संदिग्ध मतदाता सिस्टम पेश किया था, जिसमें उन लोगों के नामों को शामिल करके एक लिस्ट तैयार की गई थी जो अपनी राष्ट्रीयता साबित करने में कोई सबूत नहीं दे पाए थे। संदिग्ध मतदाताओं को 2014 के आम चुनावों में भी वोट देने की अनुमति नहीं थी।