उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की वजह से बंद हुआ पानी की टँकी का काम

पिंपरी चिंचवड़ मनपा जलापूर्ति विभाग का आश्चर्यजनक स्पष्टीकरण

संवाददाता, पिंपरी। पिंपरी चिंचवड़ मनपा द्वारा भोसरी इंद्रायणी नगर में जारी पानी की टँकी का निर्माण कार्य ठप्प पड़ा है। इसका जवाब मांगने पर जलापूर्ति विभाग ने भाजपा के स्थानीय नगरसेवक को जो स्पष्टीकरण दिया है वह काफी आश्चर्यजनक है। इस टँकी के निर्माण कार्य उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की सूचना के अनुसार बंद किये जाने का जवाब जलापूर्ति विभाग ने दिया है। इससे पानी की टँकी के निर्माण को लेकर सियासी खेल शुरू होने की बात सामने आयी है।

5 नवंबर 2018 को क क्षेत्रीय कार्यालय की समिति बैठक में इंद्रायणी नगर के पेठ नंबर 1, प्लॉट नंबर 4,
में पिंपरी चिंचवड़ नवनगर विकास प्राधिकरण की खाली जमीन पर पानी की टंकी (जलकुंभ) बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। मनपा प्रशासन ने भी अपना वर्क ऑर्डर दे दिया। काम शुरू होने के बाद राजनीतिक दबाव के चलते काम रोक दिया गया। नगरसेवक राजेंद्र लांडगे ने 3 जून को मनपा जलापूर्ति विभाग को पत्र देकर जवाब मांगा। उसके बाद प्रशासन ने 16 जून को उपरोक्त आशय का जवाब दिया है।

प्रशासन की ओर से दिए गए जवाब में कहा गया है कि पुणे के विधानभवन में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और मनपा आयुक्त राजेश पाटिल के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में इंद्रायनगर सेक्टर नंबर 1 के प्लाट नँबर 4 में एक उच्च पानी की टंकी के निर्माण को रोकने के निर्देश प्राप्त हुए हैं। इसी के चलते फिलहाल यह काम रोक दिया गया है। इस पत्र पर जल आपूर्ति विभाग के कार्यकारी अभियंताओं के हस्ताक्षर हैं। इस पर नगरसेवका राजेंद्र लांडगे ने अपनी भूमिका प्रस्तुत करते हुए कहा, अनधिकृत निर्माण, नवनगर विकास प्राधिकरण, न्यायालय-कचहरी मेरा व्यक्तिगत प्रश्न है। कोर्ट ने मुझे जमानत भी दे दी। इसका पानी की टंकी से कोई लेना-देना नहीं है। फिर, इंद्रायणी नगर धावड़े बस्ती और भगत बस्ती में लगभग 50,000 नागरिकों के पानी के मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया जा रहा है। आम जनता इस पारी को कभी नहीं भूल पाएगी। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के सुझाव को लेकर प्रशासन ने हमें लिखित पत्र दिया है। हालांकि महज खुलासे से प्रशासन अपनी जिम्मेदारी से पीछे नहीं हट सकता। पुणे के विधान भवन में हुई बैठक में कौन उपस्थित था? इसमें क्या फैसला लिया गया, यह प्रशासन से पूछा जाएगा। ल आम नागरिकों से जुड़े कार्यों में राजनीति नहीं की जा सकती।