पिंपरी चिंचवड़ में जारी रहेगी पानी की कटौती

पिंपरी : समाचार – पवना बांध के लबालब रहने के बावजूद पिंपरी चिंचवड़ शहर में सप्ताह में एक दिन पानी की कटौती जारी है। विपक्षी दलों द्वारा यह कटौती रद्द करने की पुरजोर मांग की जा रही है। वहीं सत्तादल भाजपा उपलब्ध पानी के उचित नियोजन के लिए नए- नए फंडे सुझा रहा है। सोमवार को लंबी छुट्टी से लौटे पिंपरी चिंचवड़ मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने मात्र विपक्षी दलों की मांग को खारिज करते हुए सत्तादल के सुझावों पर अमल करने में भी असमर्थता जताई। उन्होंने स्पष्ट किया कि शहर की आबादी को जीतने पानी की जरूरत है उतना पानी लेना संभव नहीं है। ऐसे में साप्ताहिक कटौती रद्द करना नामुमकिन है।

उन्होंने संवाददाताओं से की गई बातचीत में बताया कि, मनपा द्वारा पवना बांध स रोजाना 480 और एमआईडीसी से 30 कुल 510 एमएलडी पानी लिया जा रहा है। पवना बांध से रोजाना 420 एमएलडी पानी लेने की अनुमति है। ज्यादा से ज्यादा 480 एमएलडी पानी लिया जा सकता है, उससे ज्यादा की अनुमति नहीं है। मनपा फिलहाल 515 एमएलडी से ज्यादा पानी नहीं ले सकती न ही 500 एमएलडी से ज्यादा पानी पर शुद्धिकरण की प्रक्रिया कर सकती है। इससे ज्यादा पानी लेने की न अनुमति है न मनपा की क्षमता। ऐसे में सप्ताह में एक दिन की कटौती रद्द करना संभव नहीं है। अगर यह कटौती रद्द की गई तो पूरी जल वितरण व्यवस्था चरमरा जाएगी।

मनपा आयुक्त हार्डिकर के स्पष्टीकरण के बाद विपक्षी दलों द्वारा की जा रही कटौती रद्द करने की मांग एक तरह से अमान्य हो गई है। वहीं सत्तादल भाजपा के शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप द्वारा सुझाए गए विकल्पों की अमलबाजी में भी उन्होंने असमर्थता जताई है। जगताप ने नए निर्माणकार्यों को अनुमति न देने की मांग की थी। इस पर आयुक्त ने कहा कि इसके लिए नीति तय करनी होगी। वैसे भी निर्माणकार्यों को अनुमति देते वक्त यह स्पष्ट किया जाता है कि, आंद्रा-भामा, आसखेड बांधों से पानी लेने के बाद ही नई परियोजनाओं को मनपा द्वारा जलापूर्ति की जा सकती है। तब तक जलापूर्ति की जिम्मेदारी संबंधित बिल्डर की ही होगी। शहर के कुंओं और बोरवेलों को कब्जे में लेने के अधिकार जिलाधिकारी के पास हैं। मनपा द्वारा टीम गठित कर कुंओं और बोरवेलों का सर्वे किया जा रहा है। हालांकि उन्हें कब्जे में लेने के लिए नीति तय करनी होगी। निजी टैंकरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जा सकती, यह भी उन्होंने एक सवाल के।जवाब में स्पष्ट किया।