विश्वबंधु राय ने सोनिया को लिखा खत, कहा-कांग्रेस को दीमक की तरह कमजोर कर रही है राकांपा  

मुंबई. ऑनलाइन टीम : महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के महाअघाड़ी गठबंधन की फिलहाल सरकार है। राजनीति के दो अलग-अलग ध्रुव, जिनमें एक हिंदुत्व का समर्थन करने वाली विचारधारा है और दूसरी विचारधारा धर्मनिरपेक्षता की है। ये दोनों ध्रुव इसलिए मिले हैं, क्योंकि भाजपा के सत्ता से बाहर रखना था। कब तक सरकार चलेगी, इसके जवाब में दावे तो किए जाते हैं, पर सभी जानते हैं कि इस सरकार का रिमोट एक ही व्यक्ति के पास है और वो हैं शरद पवार। वो ही इन तीनों पार्टियों को एक साथ लेकर आए हैं।

तब एक जुमला बोला गया कि तीन पहियों की रिक्शा तो चलती है, लेकिन तीन पहियों की सरकार चलाना मुश्किल होगा। अब वह हालात दिखने लगे हैं। मुंबई रीजनल कांग्रेस कमेटी के महासचिव विश्वबंधु राय ने कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि एनसीपी, कांग्रेस को दीमक की तरह कमजोर कर रही है। आगे लिखा है कि महाराष्ट्र अघाड़ी सरकार को लगभग एक वर्ष पूरे हो गए हैं, इस दौरान कांग्रेस पार्टी केवल एक सहयोगी के तौर पर ही नजर आ रही है। सरकार चलाने की भूमिका में शिवसेना और एनसीपी ही नजर आ रहे हैं। एनसीपी कांग्रेस पार्टी को दीमक की तरह कमजोर कर रही है। शिवसेना और एनसीपी कांग्रेस के वौट बैंक को अपनी तरफ खींचने में सफल हो रहे हैं और हम इसे रोकने में असफल हो रहे हैं।

असल बात ये है कि देश में इस वक्त जो राजनीतिक प्रवाह है, वो राष्ट्रवाद का है और बार-बार इस तरह के मुद्दे सामने आते रहेंगे, जिसमें इन पार्टियों को अपनी-अपनी भूमिका लेनी होगी और ये इस सरकार की अस्थिरता का एक कारण बन सकता है। सभी को मालूम है कि शरद पवार ने ही कांग्रेस को मनाया, सोनिया गांधी को मनाया कि वो शिवसेना के साथ सरकार बनाएं और शिवसेना को भी उन्होंने एक तरह से उकसाया कि अगर इस वक्त आपने सरकार नहीं बनाई तो आपका मुख्यमंत्री कभी नहीं बन पाएगा। शिवसेना और भाजपा चुनाव में एक साथ लड़े थे, लेकिन चुनाव के बाद दोनों के बीच मतभेद हो गया।

क्योंकि शिवसेना चाहती थी कि ढाई साल के लिए उनका मुख्यमंत्री बने, लेकिन भाजपा इसके लिए मानी नहीं, तो शरद पवार एक तरह से शिव सेना को उकसाकर उस गठबंधन से बाहर लेकर आए और कांग्रेस को भी दूसरी तरफ से मनाया और बहुमत जुटाया। शरद पवार हमेशा से कहते भी रहे हैं कि ये सरकार पांच साल चलेगी, लेकिन कांग्रेस की सोच गलत नहीं। निश्चित विधायक और नेता ऐसा ही समझ रहे हैं, जैसा विश्वबंधु राय ने कहा है। इसलिए नए साल में महाराष्ट्र की राजनीति में उथल-पुथल मचना तय है।