सामाजिक न्याय के वाहक सवर्ण ही दे सकते हैं न्यायप्रिय शासन : रविंद्र कुमार सिंह

पटना (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – राष्ट्रीय समान अधिकार यात्रा समिति ने 25 फरवरी को पटना के गांधी मैदान में प्रस्तावित विशाल राष्ट्रीय समान अधिकार महारैली को लेकर जनसंपर्क तेज कर दिया है। इस क्रम में यात्रा समिति के संयोजक रविंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में पटना जिले के विभिन्न क्षेत्रों में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है और लोगों से इस महारैली में भाग लेने की अपील की गई। रविंद्र कुमार सिंह ने गुरुवार को विभिन्न गांवों का दौरा करने के बाद पटना में कहा कि पिछले वर्ष दो अक्टूबर से चंपारण से प्रारंभ समान यात्रा का मकसद देश में समान शिक्षा, स्वास्थ्य, नागरिकता, कानून आदि को लेकर लोगों में जनजागृति पैदा करना था। इसी को लेकर 25 फरवरी को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में सवर्ण महारैली का आयोजन भी किया गया है।

उन्होंने कहा कि भारत को एकसूत्र में बांधने और न्यायप्रिय शासन देने का काम आज भी सिर्फ सवर्ण नेतृत्व ही कर सकता है। उन्होंने कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव हों या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी नेताओं ने अब तक सामाजिक न्याय का ढिंढोरा पीटा हैं, मगर उनसे पूछा जाए कि सामाजिक न्याय के लिए उन्होंने किया क्या? तो उसका जवाब बस यही होगा कि पिछड़े भाइयों को नफरत की आग में झोंक कर कुर्सी हासिल की।” उन्होंने सवर्णों को सामाजिक न्याय का सच्चा सिपाही बताया और कहा कि आज सवर्ण जाति के लोगों को मनुवादी, दलित विरोधी और सामंतवादी कहा जाता है, जो सरासर गलत है। सवर्णों ने हमेशा समाज को साथ लेकर चलना स्वीकार किया है।

उन्होंने कहा कि संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे, जो सवर्ण थे जबकि डॉ. भीमराव अंबेडकर ‘ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन थे। उस वक्त राजेंद्र बाबू के नेतृत्व में ही अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति आरक्षण लागू हुआ। यह दर्शाता है कि सवर्णों ने ही सामाजिक बराबरी के लिए पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिया। रविंद्र कुमार सिंह, हंडेर, बहुआरा, कंडाप, गोपालपुर, तारणपुर, एकौना, पकौली, लंका कछुआरा, लखंपार आदि गांव में पहुंचे और राष्ट्रीय समान अधिकार महारैली को सफल बनाने की अपील की। गौरतलब है कि इससे पहले गांधी जयंती के अवसर पर दो अक्टूबर 2018 को चंपारण के गांधी संग्रहालय से रविंद्र कुमार सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई राष्ट्रीय समान अधिकार यात्रा बिहार के 31 जिलों से होते हुए दो फरवरी को पटना में संपन्न हो गई थी।