‘विकॅनो  सुपर 300’ करेगा चारगुना ऊर्जा की बचत

पुणे : समाचार ऑनलाइन – इलेक्ट्रिक वाहन और पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिये उपयुक्त और अतिसूक्ष्म मोटाई ‘वीकॅनो सूपर300’ (25 मायक्रोन) इस नैनो क्रीस्टलाईन रिबन का संशोधन, निर्माण करने में पुणे के ‘विकर्ष नैनो टेक्नॉलॉजी एंड अलॉईज को सफलता मिली है। इस आधुनिक नॅनो क्रीस्टलाईन अलॉय रिबन के चूंबकीय और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र से निगडीत विशिष्ट गुणधर्म के कारन इस क्षेत्र को नयी दिशा मिलेगी। विकॅनो सुपर 300 इस मॅग्नेटिक मटेरियल के कारन ऊर्जा की और पैसो कि बचत होगी, ऐसी जानकारी विकर्ष नैनो टेक्नॉलॉजी के संचालक समीर शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।

‘विकॅनो सुपर 300’ के साथ ही नैनो क्रीस्टलाईन उत्पादन 18 से 22 जनवरी को ‘इलेकरामा’ इस इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रानिक्स के देश के सबसे बडे प्रदर्शन में अनावरण किया जायेगा। इस समय विकर्ष नैनो टेक्नॉलॉजी के मार्गदर्शक रमेश वाणी, संचालक मिलिंद वाणी, राजाराम शिंदे, प्रकल्प प्रमुख एलन डिकोस्टा उपस्थित थे।

नैनो टेक्नॉलॉजी के संचालक समीर शिंदे ने कहा –

इस दौरान समीर शिंदे ने कहा कि ‘साल 2016 से इलेक्ट्रिक वाहन और पॉवर इलेक्ट्रॉनिक्स का युग देश और दुनिया मै दिखाई दे रहा है। 2030 तक 1070 ट्रीलीयन व्हॅट अवर्स क्षमता का इलेक्ट्रिक व्हेइकल दुनिया भर में सड़क पर होंगे ऐसा विशेषज्ञों का अनुमान है। इसके लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होगी। यह ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीनहाउस को भी बढ़ाएगा। इस विशाल विद्युत भीड़ को कम करने के लिए इस तरह के आधुनिक मॅग्नेटीक मटेरीयल की आवश्यकता पैदा की गई। भविष्य की आवश्यकता को पहचानते हुए, ‘विकर्ष’ के अनुसंधान और विकास विभाग ने हाय फ्रिक्वेन्सीपर उपयुक्त ऐसे (विकॅनो सुपर 300) नॅनो क्रिस्टलाईन अलॉय और नॅनोक्रिस्टलाईन रिबनपर संशोधन किया है। यह नॅनो क्रीस्टलाईन रिबन हाय फ्रिक्वेन्सी इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल (20  किलो हर्टस और अधिक) में वर्तमान उत्पाद की तुलना में चार गुना बेहतर है। इसलिए इससे बने उत्पादों से बिजली की खपत चार गुना तक कम हो जाएगी। पहर ये बिजली भी बचाएगा। इसके अलावा उत्पादों का आकार भी छोटा है। उत्पादन को रेस्ट्रिक्शन ऑफ हजार्डस सबस्टन्सेस डायरेक्टिव्ह (आरओएचएस) मानांकन मिला हैं।  उत्पादन के कारण हर साल दोन मिलीयन डॉलर चलन बचेगा। इस उत्पाद की मांग विदेशों से भी शुरू हो गई है।

रमेश वाणी ने कहा –
इस दौरान रमेश वाणी ने कहा कि ‘चार से पांच साल तक लगातार शोध कार्य शुरू था। विभिन्न देशों से सामग्री के उत्पादन के लिए प्रयोग किए गए थे। इस उत्पादन को सफल बनाना भारत के लिए गर्व की बात है।

‘मिलिंद वाणी ने कहा –
मिलिंद वाणी ने कहा कि ‘यह रिबन भारत के साथ-साथ भारत के बाहर भी बहुत मांग है। इस निर्माण के साथ, भारत को उन्नत दिशा में ले जाना का सपना पुरा होगा।’ प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऍलन डिकोस्टा ने कहा कि ‘प्रारंभिक चरण में बेसिक सामग्री का उपयोग कर के काम शुरू कर दिया, इस मै कई समस्याएं थीं जिनके कारण शोध हुआ। इस उत्पाद से विद्युत, इलेक्ट्रॉन, रक्षा क्षेत्रों को बहुत लाभ होगा।’

समीर शिंदे ने आगे कहा कि ‘देश में विभिन्न कंपनियों द्वारा पेट्रोल और डीजल को विकल्प के रूप में इलेक्ट्रिक बाइक पेश की गई हैं। उन्हें बहोत अच्छा प्रतिक्रिया भी मिल रही है। अब बैटरी चार्जिंग की अवधि सात घंटे है। विकर्ष नैनो ने क्रिटलाईन रिबन से इसी अवधि को दो घंटे तक लायेगा। इस को विदेशी कंपनियों द्वारा अच्छी प्रतिक्रिया भी मिल रही है। इससे वाहक की बैटरी चार्जिंग समय और बिजली की बचत करेगा।

संशोधन में सहभाग –
– इस संशोधन प्रकल्प मै समीर शिंदे और मिलिंद वाणी, अ‍ॅलन डिकोस्टा और अभय पाटील और कंपनी के सभी कर्मचारियों द्वारा अनुसंधान परियोजना में साझा की गई है।

– इस शोध के लिए चार वर्षों में दस करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया था। कंपनी की आधारशिला रमेश वाणी और सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में मेटलर्जी विभाग के प्रमुख डॉ. एन. बी. ढोके इन का मार्गदर्शन मिला।

– विकर्ष समूह ’को इस नये उत्पाद को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सन्मानचिन्ह और पंधरह लाख रुपये देकर ‘टेक्नॉलॉजी डे अ‍ॅवॉर्ड’ से सम्मानित किया।

‘विकर्ष’ नैनो की यात्रा –  
– २००९ से २०१३ की अवधि में नैनो क्रिस्टलीय रिबन पर शोध
– २०१३ मे विकर्ष नॅनो टेक्नॉलॉजी की स्थापना
– २०१४-२०१५ में सभी परीक्षण, आरओएचएस मानांकन, पीजीसीआयएल मान्यता
– २०१७ मे राष्ट्रपती प्रणव मुखर्जी द्वारा गौरव
– २०१९ अगस्त मे ’विकॅनो सुपर 300’का निर्माण
– २०१९ सप्टेंबर में नॅनो क्रिस्टालाईन ग्रेड को आरओएचएस प्रमाणपत्र
– २०१९ अक्तूबर मे ’विकॅनो सुपर 300’ का उत्पादन सुरु
– २०२० जनवरी मे ’विकॅनो सुपर 300 ’ग्रेड का इलेकरामा प्रदर्शन मे अनावरण