12-15 साल के बच्चों के लिए टीके को मिली मंजूरी, अमेरिका में गुरुवार से शुरू होगा अभियान

ऑनलाइन टीम. नई दिल्ली : दुनियाभर में कोरोना के चलते जारी तबाही के बीच बड़ी परेशानी किशोरों और छोटे बच्चों को लेकर है। व्यस्कों के लिए तो वैक्सीन लगाने का अभियान दुनिया भर में जारी है, लेकिन किशोरों और छोटे बच्चों के लिए कोई वैक्सीन नहीं थी। लेकिन अब अमेरिका के नियामकों ने 12 से 15 साल तक की उम्र के बच्चों को ‘फाइजर’ का कोविड-19 रोधी वैक्सीन लगाने का फैसला किया है, ताकि स्कूल वापस जाने पर वे सुरक्षित हों और उनकी सामान्य गतिविधियां भी शुरू हो सकें। गुरुवार से बच्चों का वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकता है। इसकी घोषणा बुधवार को किए जाने की संभावना है। संघीय वैक्सीन सलाहकार समिति के 12 से 15 वर्ष के बच्चों को वैक्सीन की दो खुराक लगाने की सिफारिश की है।

दुनियाभर में माता-पिता और टीचर के मन में यही सवाल घूम रहा है कि एक साल तो ऑनलाइन क्लासेज में निकाल दिए, क्या अभी भी बच्चों को कोविड-19 का टीका लग पाने की कोई उम्मीद जगी है या नहीं ? क्योंकि, विश्वभर में हजारों बच्चे इससे संक्रमित हो चुके हैं। भारत में भी कई शहरों में स्कूल खुलने के बाद उनके तेजी से संक्रमित होने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। यही वजह है कि धीरे-धीरे जो स्कूल खुल भी गए थे, कोरोना की दूसरी लहर की आहट देखते ही फटाफट फिर से बंद करने पड़ रहे हैं।

काफी मंथन के बाद अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने सोमवार (10 मई) को 12 से 15 साल के बच्चों के लिए फाइजर-बायोएनटेक के वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। इससे पहले फाइजर फार्मास्यूटिकल कंपनी ने यह जानकारी दी थी कि वह फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन से दो से 11 साल के बच्चों के लिए कोरोना वायरस वैक्सीन के इमरजेंसी प्रयोग के लिए सितंबर में इजाजत मांगेगा।

कई सारे शोध कहते हैं कि खासकर छोटे बच्चों को ज्यादा गंभीर संक्रमण नहीं होता, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वो संक्रमित नहीं हो सकते और दूसरों को संक्रमित नहीं कर सकते। हालांकि, 12 साल से छोटे बच्चों की बीमारी हल्की हो सकती है या एसिम्टोमेटिक हो सकते हैं, लेकिन किशोरों को व्यस्कों की तरह ही ज्यादा संक्रमण हो सकता है। सिर्फ अमेरिका में ही अबतक कम से कम 226 बच्चों की कोविड से मौत हो चुकी है और हजारों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा है। बच्चों को इस जोखिम से उबारने के लिए उन्हें भी वैक्सीन लगाने की जरूरत है, सोशल डिस्टेंसिंग की आवश्यकता है और मास्क पहनाकर रखना भी जरूरी है।