उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की हालत बिगड़ी, देहरादून से एम्स रेफर

देहरादून. ऑनलाइन टीम : उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की हालत में सुधार न होने पर उन्हें एम्स में रेफर करने का फैसला किया गया।  रावत की हालत फिलहाल स्थिर है। एम्स के चिकित्सकों की एक टीम को उनकी निगरानी के काम में लगाया गया है। त्रिवेंद्र सिंह रावत 18 दिसंबर से कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे। तबीयत बिगड़ने पर रावत को दून अस्पताल ले जाया गया था। यहां खून की जांच और सिटी स्कैन की रिपोर्ट के बाद चिकित्सकों ने मुख्यमंत्री को दून अस्पताल में भर्ती करने का फैसला लिया था।  मुख्यमंत्री रावत, उनकी पत्नी सुनीता रावत और बेटियां 18 दिसंबर को कोरोना संक्रमित पाए गए थे, जिसके बाद सभी होम आइसोलेशन में थे। इसके बाद रविवार सुबह मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निजी चिकित्सक डॉ. नन्दन सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को ऐम्स दिल्ली रेफर किए जाने की जानकारी दी। इसके लिए रावत सुबह ही देहरादून से रवाना  हुए।

बता दें कि 18 दिसंबर से कोरोना संक्रमित होने के बाद वर्चुअल तरीके से मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र में भागीदारी की थी। सक्रिय राजनीति में आने से पहले त्रिवेंद्र सिंह रावत आरएसएस में 9 साल तक प्रचारक रहे हैं। देहरादून में संघ प्रचारक की भूमिका निभाने के बाद आरएसएस ने त्रिवेन्द्र सिंह सिंह रावत को मेरठ का जिला प्रचारक बनाया गया। जहां उनके काम से संघ इतना प्रभावित हुआ कि उत्तराखंड बनने के बाद साल 2002 में बीजेपी के टिकट पर कांग्रेस के विरेंद्र मोहन उनियाल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतार दिया, जिसमें रावत ने जीत हासिल की।

2007 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी ने रावत पर भरोसा जताया और वे राज्य विधानसभा पहुंचने में सफल हुए। राज्य के 9वें मुख्यमंत्री बनने से पहले वे राज्य में कृषि मंत्री भी रहे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत को बीजेपी की शीर्ष जोड़ी यानी मोदी और अमित शाह दोनों का ही करीबी माना जाता है। जुलाई 2019 में, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि गाय एकमात्र ऐसा जानवर है, जो ऑक्सीजन  बाहर निकालती है  और तपेदिक को ठीक कर सकता है, जिसके लिए उनके अवैज्ञानिक बयान के लिए उनकी कड़ी आलोचना की गई थी।