समुद्र में उथल-पुथल, करवट ले रहा पहाड़, जोर से कांपी नेपाल की धरती

ऑनलाइन टीम. काठमांडू : समुद्र में उथल-पुथल है और पहाड़ करवटें ले रहा है। अभी ताउते तूफान ने जो निशान छोड़े हैं, उसे मिटाने की जद्दोजहद जारी ही है कि बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार के समीप दूसरी लहर के संकेत मिले हैं। पहले पश्चिमी किनारा और अब पूर्वी किनारे पर हलचल, साफ है कि प्राकृतिक आपदा अभी टला नहीं है।

इस बीच, हिमालय का अंदाज तराई में बसों लोगों को अशांत कर रहा है। अभी कुछ पहले असम और उसके आस-पास धरती कांप उठी। इसके बाद भूकंप की बड़ी तीव्रता झेल चुका नेपाल भी थर्रा उठा।  बुधवार को सुबह-सुबह नेपाल के पोखरा में भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.3 मापी गई। भूकंप का एहसास नेपाली समय के मुताबिक, सुबह 5.42 पर हुआ। नुकसान की बात अभी तक सामने नहीं आई है। पर दावा किया जा रहा है कि नेपाल में आए इस भूकंप का असर भारत के बिहार में भी महसूस किया गया है। दरअसल, बिहार की सीमा नेपाल से लगी हुई है, ऐसे में नेपाल में आने वाले भूकंप का असर बिहार में देखने को मिलता है।

राष्ट्रीय भूकंप निगरानी और अनुसंधान केंद्र में मुख्य भूकंपविज्ञानी डॉ. लोक बिजय अधिकारी ने बताया कि भूकंप का केंद्र लामजंग जिले के भुलभुले में था। भूकंप के झटके नेपाली समय के मुताबिक, सुबह 5:42 बजे महसूस किए गए। हालांकि उन्होंने इस दौरान भूकंप की तीव्रता 5.8 बताई।

साफ है कि प्राकृतिक संदेश सुखद नहीं। सागर में उथल-पुथल और दरकते पहाड़ कुछ कह रहे हैं। आशियाने उजड़ रहे हैं और लोग असामयिक मौत के मुंह में समा रहे हैं। भला हो विज्ञान का जिसकी भविष्यवाणी से आगाह होने के कारण नुकसान को कम करने में हम सफल हो रहे हैं। नेपाल में आए इस भूकंप के बाद दूसरे झटके के लिए सावधान रहने को कहा गया है, इससे लोग दहशत में हैं। सरकारी अमला स्थितियों पर नजर बनाए हुए है।