नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- साल 2018-19 में किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए सोलर पंप मुहैया कराए जाने के उद्देश्य से शुरू की गई ‘कुसुम’ योजना जारी रहेगी. आज आम बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात की जानकारी दी है.
मोदी सरकार द्वारा बिजली संकट से जूझ रहे क्षेत्रों के किसानों को ध्यान में रख कर किसान उर्जा सुरक्षा और उत्थान महाअभियान यानी कुसुम (KUSUM) योजना की शुरुआत की गई थी. इसके तहत सरकार किसानों को सब्सिडी के तौर पर सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम प्रदान करेगी.
क्या है ‘कुसुम’ योजना
इस योजना के अंतर्गत किसान अपनी जमीन में सौर ऊर्जा उपकरण और पंप लगाकर अपने खेतों की सिंचाई कर सकते हैं. साथ ही किसान अपनी भूमि पर सोलर पैनल लगाकर इससे बनने वाली बिजली का उपयोग खेती के लिए कर रहे हैं. फलस्वरूप किसानों के लिए यह योजना काफी लाभप्रद सिद्ध हुई है.
कुसुम के पहले चरण में डीजल पंप बदले जाएंगे
सरकार के एक अनुमान के मुताबिक इस तरह के 17.5 लाख सिंचाई पंप को सौर ऊर्जा से चलाने की व्यवस्था की जाएगी. इससे डीजल की खपत और कच्चे तेल के आयात पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
कुसुम योजना से दो फायदे
केंद्र सरकार की कुसुम योजना का किसान दो तरीके से लाभ लें सकते हैं. एक तो उन्हें सिंचाई के लिए मुफ्त में बिजली मिलेगी और दूसरा यदि वह अतिरिक्त बिजली बनाकर ग्रिड को भेजते हैं तो उसके बदले उन्हें पैसे मिलेंगे.
कुसुम योजना की मुख्य बातें
>> सौर ऊर्जा उपकरण स्थापित करने के लिए किसानों को केवल 10% राशि का भुगतान करना होगा.
>> केंद्र सरकार किसानों को बैंक खाते में सब्सिडी की रकम देगी.
>> सौर ऊर्जा के लिए प्लांट बंजर भूमि पर लगाए जाएंगे.
>> कुसुम योजना में बैंक किसानों को लोन के रूप में 30% रकम देंगे.
>> सरकार किसानों को सब्सिडी के रूप में सोलर पंप की कुल लागत का 60% रकम देगी.