अंततः जल्द ही पुरानी संपत्तियों के टैक्स में बढ़ोतरी

1 अप्रैल से होगी अमलबाजी 
पिंपरी। सँवाददाता – जैसा कि तय माना जा रहा था, पिंपरी चिंचवड़ शहरवासियों खासकर पुरानी संपत्तियों के मालिकों पर संपत्ति कर वृद्धि लद ही गई। हालांकि मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर ने इसे करवृद्धि मानने से इंकार किया है। उन्होंने इसे नई व पुरानी संपत्तियों के करयोग्य मूल्य में रहे भारी अंतर को दूर करने की कोशिश बताया है। इसके तहत 2007 से पहले की संपत्तियों के संपत्ति कर में ढाई से तीन गुना बढ़ोतरी होने जा रही है। 2003 साल के एक हजार वर्ग फीट क्षेत्रफल की संपत्ति के लिए जहां अब तक 1771 संपत्ति कर देना होता था वह अब पांच हजार तक पहुंच जाएगा। इस उदाहरण के साथ मनपा आयुक्त ने स्पष्ट किया कि एक अप्रैल 2020 से इस फैसले की अमलबाजी शुरू की जाएगी। बहरहाल इस करवृद्धि से शहर के दो लाख 54 हजार संपत्तिधारक प्रभावित होने जा रहे हैं।
20 फरवरी की सभा में हिंगणघाट की घटना का शिकार बनी युवती को श्रद्धांजलि अर्पित करने के प्रस्ताव पर मचे हंगामे के चलते सर्वसाधारण सभा स्थगित कर दी गई। इस स्थगन से शहर की पुरानी संपत्तियों के संपत्ति कर में वृद्धि अटल मानी जा रही थी। क्योंकि मनपा अधिनियम के तहत मनपा के टैक्स की दरों को तय करने का फैसला 20 फरवरी तक होना जरूरी है। यह सभा स्थगित कर दिए जाने से तब मनपा आयुक्त श्रावण हार्डिकर अपने अधिकारों का इस्तेमाल कर अपने प्रस्ताव की अमलबाजी कर सकते हैं। यह स्थगित सभा बुधवार को संपन्न हुई। महापौर उषा ढोरे की अध्यक्षता में हुई इस सभा में इस प्रस्ताव के पेश होते ही नगरसचिव उल्हास जगताप ने मनपा अधिनियम का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि करवृद्धि के प्रस्ताव पर 15 फरवरी तक चर्चा पूर्ण होना और 20 फरवरी तक इसका फैसला करना आवश्यक है।
मनपा आयुक्त ने सभागृह में प्रस्ताव की जानकारी देते हुए कहा कि, पुरानी व नई संपत्तियों के करयोग्य मूल्य में काफी अंतर है क्योंकि अब तक जो करयोग्य मूल्य बढ़ाये गए हैं वह नई संपत्तियों के लिए ही बढ़ाई गई है। इसमें सूसूत्रता लाने के लिए 2007 के पहले की दो लाख 32 हजार संपत्तियों के करयोग्य मूल्य में ढाई से तीन गुना बढ़ोतरी सुझाई है।कर निर्धारण में सूसूत्रता व पारदर्शकता लाने के लिए इमारती का इस्तेमाल और उसके निर्माणकार्य का दर्जा ध्यान में लेकर प्रति वर्ग फीट के हिसाब से कर दर निर्धारित की गई है। दर निश्चिती 20 फरवरी तक होनी जरूरी थी। मगर तब इस पर कोई फैसला नहीं हो सका। ऐसे में करयोग्य मूल्य में सुधार की पद्धति अमल में लायी जाएगी। इस कर वृद्धि का राष्ट्रवादी कांग्रेस, शिवसेना के साथ भाजपा के एक खेमे से भी कड़ा विरोध जताया गया। इस प्रस्ताव पर हुई चर्चा में एकनाथ पवार, दत्ता साने, योगेश बहल, अजित गव्हाणे, संदीप वाघेरे, सचिन भोसले, मीनल यादव, शत्रुघ्न काटे, सीमा सावले, झामाबाई बारणे ने हिस्सा लिया।