उद्धव ठाकरे ने केवल मुख्यमंत्री बनने के लिए गठबंधन किया है : नारायण राणे

नागपुर : समाचार ऑनलाइन – शीतकालीन अधिवेशन के पांचवें दिन भाजपा सांसद नारायण राणे नागपुर में दाखिल हुए. नागपुर आते ही उन्होंने विधानसभा के कामकाज पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह अधिवेशन नियम के बाहर है. सत्ता में आई महाविकास आघाड़ी व्यक्तिगत फायदे के लिए आई है. उद्धव ठाकरे ने यह आघाड़ी केवल मुख्यमंत्री पद के लिए की है. आज बालासाहेब ठाकरे होते तो उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं होते.

इससे पहले विधानसभा उन्होंने विधानसभा का दौरा किया. इस दौरे के बाद वह पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि अधिवेशन के वक्त नागपुर का वातावरण अलग ही होता है, लेकिन इस बार ऐसा कुछ दिख नहीं रहा है. उन्होंने इस मौके पर विधानसभा भवन में देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटिल सहित अन्य भाजपा नेताओं से मुलाकात की और नागपुर के लोगों की राय जानने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना की सत्ता थी. लेकिन चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में नहीं है. चुनाव से पहले भाजपा-शिवसेना के बीच गठबंधन हुआ. विभिन्न विकास कार्यों पर चर्चा हुई. चुनाव का परिणाम महागठबंधन के पक्ष में आया. लेकिन सत्ता पर यूति नहीं हाथगाड़ी आई. शिवसेना का जन्म हिंदुत्व के लिए हुआ है. आज बालासाहेब ठाकरे होते तो ऐसा गठबंधन नहीं हुआ होता और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री नहीं बनते. उद्धव ठाकरे ने केवल मुख्यमंत्री पद के लिए आघाड़ी किया है. सिद्धांत और विचारधारा के आधार पर आघाड़ी नहीं हुई है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और शिवसेना हिंदुत्ववादी पार्टी है. इसलिए इनके विचार नहीं मिलेंगे. व्यक्तिगत स्वार्थ और सत्ता के लिए यह आघाड़ी हुआ है. महाविकास आघाड़ी के सत्ता में आने के बाद से जनता की भलाई के लिए कोई भी निर्णय नहीं लिया गया. इतना ही नहीं सरकार गठन के महीने हो चुके लेकिन मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं किया. राज्य को काम करने वाला मुख्यमंत्री चाहिए, जिसे राज्य के विकास के मुद्दे पता हो. जिसमें समस्याओं के समाधान की ललक हो.

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