JNU में दो ग्रुप में हुई झड़प, 20 छात्र घायल, पुरे बवाल के पीछे ये है पूरी कहानी

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – दिल्ली की जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी में एक बार फिर बड़ा बवाल हुआ है। रविवार देर रात को जेएनयू कैंपस में कुछ नकाबपोश हमलावरों ने लाठी-डंडों के साथ हमला किया, जिसमें कई छात्र घायल हुए हैं। जेएनयूएसयू अध्यक्ष समेत कुल 20 छात्रों के घायल होने की बात सामने आई है। इस हमले में जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी को सिर में गंभीर चोट आई है। इसके अलावा हमले में कई प्रोफेसरों को भी गंभीर चोट आई है। घायलों को एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस हिंसा के बाद दूसरी यूनिवर्सिटी के छात्र भी जेएनयू छात्रों के समर्थन में आ गए हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। बता दें कि हिंसा के लिए वामपंथी और दक्षिणपंथी छात्र संगठनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया है। पुलिस ने इस मामले  4 संदिग्धों को हिरासत में लिया है।

दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो जो हमला हुआ है वो कुछ बाहरी लोगों के आ जाने से हुआ था, जिन्होंने अपने चेहरे को ढका हुआ था। सामने आए कुछ वीडियो में महिलाएं भी हाथों में डंडा-लाठी लेकर खड़ी दिख रही हैं। पुलिस इन चीज़ों की जांच जल्द शुरू करेगी। इस घटना के बाद अब देश की अन्य यूनिवर्सिटी भी साथ आ गई हैं।  मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया के बाहर देर रात से ही सैकड़ों छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।

पुरे बवाल के पीछे की ये है पूरी कहानी –
दरअसल फीसवृद्धि के मामले को लेकर जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय के छात्र लंबे समय से प्रशासन का विरोध कर रहे हैं। छात्रों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने की बजाय विश्वविद्यालय परिसर में ही विरोध करने की रणनीति अपनाई। छात्रों ने रजिस्ट्रेशन का पूर्ण बहिष्कार कर रखा है और वे नए छात्रों को भी रजिस्ट्रेशन नहीं करने दे रहे हैं। इस समस्या का तोड़ निकालते हुए प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को ऑनलाइन और फॉर्म भरने के माध्यम से रजिस्त्रेशन कराने का विकल्प रखा। लेकिन वामपंथी छात्रों ने विश्वविद्यालय परिसर में इंटरनेट सेवा भी बाधित कर रखी है जिसके कारण छात्र रजिस्ट्रेशन नहीं करवा पा रहे हैं।

इस बीच रविवार को रजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन था। लेकिन, छात्रों के विरोध का परिणाम हुआ है कि अभी तक लगभग 600 छात्र ही अपना रजिस्ट्रेशन करवा सके हैं, जबकि यहां आठ हजार से अधिक छात्र रजिस्ट्रेशन करवाते हैं। रजिस्ट्रेशन का आखिरी दिन होने की वजह से एबीवीपी के छात्र प्रशासन का सहयोग कर प्रक्रिया आगे बढ़ाना चाह रहे थे जबकि वामपंथी छात्र इसका लगातार विरोश कर रहे थे।

यहां से शुरू हुआ विरोध –
रविवार शाम वामपंथी छात्रों ने साबरमती ढाबे पर इन्हीं मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन आयोजित कर रखा था। वामपंथी छात्रों का आरोप है कि इसी बीच बाहर से लगभग पचास लोगों ने उनके ऊपर हमला कर दिया जिसमें छात्रों को गंभीर चोटें आईं हैं। हमलों में प्रोफेसरों को भी नहीं बख्शा गया और उनके ऊपर भी हमला किया गया। एनएसयूआई ने एक व्हाट्सअप की कुछ स्क्रीन शॉट साझा करते हुए कहा है कि एबीवीपी ने पूरी योजना के तहत वामपंथी छात्रों पर ये हमले करवाए हैं। इसके लिए बाहरी लोगों की मदद ली गई है और पुलिस ने भी एबीवीपी के छात्रों का सहयोग दिया है।

इधर एबीवीपी के पदाधिकारी आशुतोष सिंह ने इन हमलों के लिए सीधे तौर पर वामपंथी छात्र संगठनों को जिम्मेदार बताया है। आशुतोष सिंह ने कहा कि एबीवीपी के छात्र बच्चों के एडमिशन प्रोसेस में सहयोग कर रहे थे जबकि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में में बाधा डालने के लिए वामपंथी छात्रों ने बाहर से बुलाये छात्रों से उनके ऊपर हमले करवाए।

इस बीच राजनीतिक आरोप तेज हो गयी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे छात्रों की आवाज दबाने की साजिश करार दिया है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने इस घटना की कड़ी आलोचना की है।