भाजपा के दो बड़े नेता शिवसेना में होंगे शामिल! ‘वर्षा’ में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की मुलाकात

मुंबई : ऑनलाइन टीम – कभी एक साथ सत्ता में रह चुके भाजपा और शिवसेना आज दोनों एक दूसरे के राजनितिक दुश्मन बन गए है। दोनों तरफ से एक दूसरे के पार्टी व नेताओं के खिलाफ बयानबाजी शुरू है। आगामी नगर निकाय चुनाव में भाजपा-शिवसेना आमने-सामने है। दोनों के लिए यह चुनाव बेहद महत्वपूर्ण हैं। भाजपा द्वारा मुंबई महानगरपालिका से शिवसेना की सत्ता को उखाड़ फेंकने की पुरजोर कोशिश जारी है। इसके लिए भाजपा लगातार बैठकें, आंदोलन और शिवसेना पर आरोप लगाती रही है।

एक तरफ बीजेपी शिवसेना पर वार करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी को सबक सिखाने के लिए शिवसेना ने अपना मोर्चा नासिक महापालिका की ओर खोल दिया है। वर्तमान में नासिक महापालिका में भाजपा का झंडा फहरा रहा है। यहां विधानसभा चुनावों में पार्टी का बहुत परिवर्तन देखा गया है। जिसका दूसरा भाग अब अगले साल होने वाले नगरपालिका चुनावों में देखने को मिल सकता है। शिवसेना नेता सांसद संजय राऊत नासिक महापालिका से बीजेपी को हराकर शिवसेना का महापौर बनाना चाहते है।

शिवसेना में शामिल हुए पूर्व विधायक बालासाहेब सानप ने हाल ही में भाजपा में नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस की उपस्थिति में भाजपा में वापसी की है। सानप के पार्टी में शामिल होने पर भाजपा के पदाधिकारी शिवसेना में शामिल होंगे ऐसी चर्चा नासिक में शुरू है। मिली जानकारी के मुताबिक, नासिक में पूर्व विधायक वसंत गीते और सुनील बागुल शिवसेना में शामिल होंगे। इन दिनों नेताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के वर्षा बांग्ला पर उनसे मुलाकात की। इस दौरान शिवसेना के पूर्व महापौर विनायक पांडे, युवासेनेा के वरूण सरदेसाईही उपस्थित थे।

बालासाहेब सानप ने विधानसभा का टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने भाजपा छोड़ दी और राकांपा में शामिल हो गए। फिर बाद में वह शिवसेना में शामिल हुए। अब एक एक बार फिर वह भाजपा का दामन थाम लिया है। अब राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा है कि राज्य के कई स्थानीय नेता निकट भविष्य में शिवसेना-एनसीपी में शामिल हो जाएंगे।

इस बीच भाजपा शहर अध्यक्ष गिरीश पालवे ने इस बात से इनकार किया है कि दोनों नेता किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का इरादा रखते हैं। गीते और बागुल दोनों भले ही शिवसैनिक हैं, लेकिन वे इस समय भाजपा में हैं। दोनों के परिवारों को क्रमशः डिप्टी मेयर का पद दिया गया है। बताया जा रहा है कि उन्हें अपेक्षित पद नहीं दिए जाने से दोनों नाराज है।

पिछले विधानसभा चुनाव में गीते एनसीपी से चुनाव लड़ने की भी चर्चा थी। लेकिन बाद में यह मुद्दा छूट गया था। जिसके बाद ऐसी भी चर्चा थी कि गीते पार्टी छोड़ देंगे। दूसरी तरफ सुनील बागुल को लेकर चर्चा है की उन्हें दूसरे पार्टी से ऑफर आ रहे है। वह सही समय देखकर अपना निर्णय लेंगे और उसकी घोषणा करेंगे।