हार को जीत में बदलने की फिराक में ट्रंप, अधिकारियों पर दबाव बनाने वाला ऑडियो वायरल

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में जो बाइडन ने भारी जीत दर्ज की है। उन्हें 306 और ट्रंप को 232 वोट मिले थे। जो बाइडन को ट्रंप के मुकाबले 70 लाख ज्यादा वोट मिले थे। इस बार 15 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने मताधिकार का प्रयोग किया था।  यानी 65 प्रतिशत से अधिक मतदान। यह 1908 के बाद से अब तक का सबसे ज़्यादा संख्या है। इस दौरान सबसे अधिक विवाद जॉर्जिया में वोट को लेकर हुआ। तीन बार बैलट की गिनती की गई थी, जिसके बाद भी बाइडन की जीत के परिणाम ही सामने आए थे। आखिरी परिणाम मेंजो बाइडन ने 11,779 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की थी।

लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गले के नीचे यह नहीं उतर रहा है। जैसे-जैसे जो बाइडेन के कदम ह्वाइट हाउस की तरफ बढ़ रहे हैं, ट्रंप बिफरते जा रहे हैं। अब का एक ऑडियो मीडिया में खूब वायरल हो रहा है, जिसमें वो अपनी जीत के लिए वोट कों बदलने की मांग करते हुए सुनाई दे रहे हैं। ट्रंप ने चुनाव अधिकारी से कहा कि वह इस दक्षिणी राज्य में उनकी हार को जीत में बदलने के लिए पर्याप्त वोटों की ‘तलाश’ करें नहीं, तो उन्हें एक बड़े जोखिम का सामना करना पड़ सकता है। ट्रंप के इस वीडियो के लीक होने से अमेरिकी राजनीति में उथल-पुथल मच गई है।

कहा जा रहा है कि रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसद चुनाव नतीजों को पलटने की वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कोशिशों में उनका साथ दे रहे हैं, वह भी तब जब जो बाइडन की जीत पर औपचारिक मुहर लगाने के लिए छह जनवरी को संसद का सत्र आयोजित किया जा रहा है। ट्रंप यह प्रयास कर रहे हैं कि इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती के दौरान इन परिणामों को खारिज कर दिया जाए। सीनेटर टेड क्रूज ने शनिवार को 11 सांसदों और नवनिर्वाचित सांसदों के गठबंधन की घोषणा की, जिन्हें ट्रंप की लड़ाई में उनका साथ देने के लिए अधिसूचित किया गया है।

इससे पहले मिसौरी से सांसद जोश हॉवले ने कहा था कि वह बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में प्रांतों की गणना का विरोध करने में प्रतिनिधि सभा में रिपब्लिकन सदस्यों का साथ देंगे। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में मिली हार को स्वीकार नहीं करने के ट्रंप के रुख के चलते पार्टी दो फाड़ होने के नजदीक पहुंच गई है। खास बात यह है कि ट्रंप की मदद के लिए जिन 11 सांसदों को अधिसूचित किया गया है, उन्होंने शनिवार को यह स्वीकार किया कि वह बाइडन को 20 जनवरी को शपथ लेने से रोक नहीं पाएंगे।

माना जा रहा है कि ट्रंप का समर्थन करने वाले सांसद इस दौरान कांटे के मुकाबले वाले प्रांतों में हार का मुद्दा उठा सकते हैं। हालांकि इस बात की संभावना कम है कि संसद उनकी मांग पर गौर करे। उधर, बाइडन की सत्ता हस्तांतरण टीम के प्रवक्ता माइकग्वीन ने इस पूरी कवायद को स्टंट बताते हुए खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि इससे यह तथ्य नहीं बदलेगा कि 20 जनवरी को बाइडन अमेरिका के नए राष्ट्रपति की शपथ लेंगे।