पुणे : ऑनलाइन टीम – (Transgender Chandani Gore) लोक अदालत में तीसरे पक्ष की सामाजिक कार्यकर्ता चांदनी गोरे को पैनल सदस्य के रूप में चुना गया है। जिससे अब तृतीयपंथी (Transgender Chandani Gore) को न्यायपालिका (Judiciary) में भी नेतृत्व करने का अवसर मिलेगा।
चांदनी पिछले कुछ सालों से एक सामाजिक संस्था निर्भया के जरिए यौन उत्पीड़न के बारे में जागरूकता और अधिकार पैदा करने का काम कर रही हैं। इसके बाद उन्होंने सिम्बायोसिस लॉ कॉलेज से काम करना जारी रखा। वह पैरा लीगल वालंटियर (पीएलवी) के रूप में भी काम कर रही हैं। पीएलवी के रूप में काम करते हुए, उन्हें सिम्बायोसिस में प्रो. शिरीष कुलकर्णी और प्रा. आदिती माने ने कम्युनिटी लीगल केयर अँड लिटरेसी सेंटर द्वारा कोई भी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रशिक्षित किया गया था।
इस दौरान उनका मार्गदर्शन सिंबायोसिस लॉ कॉलेज के संचालिका डॉ. शशिकला गुरपूर ने किया। जिसके बाद उन्हें 1 अगस्त को पीपुल्स कोर्ट में एक पैनल में नियुक्त किया गया है। पुणे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने सूचित किया कि परिवार और दीवानी मामलों को सौहार्दपूर्ण ढंग से और पैनल की सहमति से सुलझाया जाएगा।
तृतीयपंथी पॅरा लीगल व्हॉलेंटिअर चांदणी गोरे ने कहा – न्यायालय में लोगों के पैनल में जज के बगल में बैठना मेरे लिए खुशी और जिम्मेदारी होगी। मैं इस तरह के पैनल में चयनित होने वाला पहला तृतीयपंथी हूं। इस नियुक्ति से स्पष्ट है कि हम किसी से कम नहीं हैं और हमारे पास समान अधिकार और स्थान हैं। मैंने पीएलवी के साथ-साथ पैनल सदस्य की जिम्मेदारियों को निभाने के लिए सभी प्रशिक्षण प्राप्त किए हैं।