‘नो हॉर्न डे’ की पूर्व संध्या पर ट्रैफिक पुलिस ने चलाई स्पेशल ड्राइव

पुणे। समाचार ऑनलाइन

सिर्फ तीन-पांच मिनटों के लिए पुणे में बढ़ाया जा रहा है ध्वनि प्रदूषण

बेवजह हॉर्न बजाकर ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों में जनजागृति के लिहाज से पुणे पुलिस की ट्रैफिक ब्रान्च द्वारा कल (बुधवार) ‘नो हॉर्न डे’ उपक्रम चलाया जा रहा है। इसकी पूर्व संध्या पर ट्रैफिक ब्रांच ने एक स्पेशल ड्राइव ली, जिसमें पाया गया कि, महज तीन से पांच मिनट बचाने के लिए वाहनचालकों द्वारा बेवजह हॉर्न बजाकर ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है। बेवजह हॉर्न बजाकर ध्वनि प्रदूषण न फैलाते हुए ‘नो हॉर्न डे’ के उपक्रम में शामिल होने की अपील ट्रैफिक ब्रांच की डीसीपी तेजस्वी सातपुते ने की है।

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‘नो हॉर्न डे’ उपक्रम के पहले दिन याने मंगलवार को ट्रैफिक ब्रांच ने एक स्पेशल ड्राइव ली। इसमें कोंढवा स्थित खड़ी मशीन चौक से पुणे कैम्प स्थित डॉ बाबासाहब आंबेडकर स्मारक तक चार दोपहिया (दो स्कूटर और दो मोटरसाइकिल सवार) और दो चार पहिया सवारों को एक साथ एक ही समय पर छोड़ा गया। इनमें दो दोपहिया और एक चार पहिया सवार को कोंढवा से पुणे कैम्प तक बिना हॉर्न बजाए और अन्य तीनों को लगातार हॉर्न का उपयोग कर पहुंचने को कहा गया था।
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दोनों स्कूटर सवार 16.45 मिनट में पुणे कैम्प पहुंचे। दोनों मोटरसाइकिल सवारों में से बिना हॉर्न बजाए सवार 19.43 मिनट और लगातार हॉर्न बजाकर 16.9 मिनट में यहां पहुंचे। इसी प्रकार से हॉर्न बजाते हुए आया कार सवार 20 मिनट और बिना हॉर्न बजाए आया कार सवार 25 मिनट में अपने गंतव्य तक पहुंचे। इस आकलन में पाया गया कि हॉर्न बजाते हुए पहुंचे दोपहिया सवार तीन और कार सवार पांच मिनट पहले पहुंचे। याने मात्र तीन से पांच मिनट बचाने के लिए बेवजह हॉर्न बजाकर पुणे में ध्वनि प्रदूषण फैलाया जा रहा है।
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इस आकलन की जानकारी देते हुए ट्रैफिक ब्रांच की डीसीपी तेजस्वी सातपुते ने बेवजह हॉर्न बजाकर ध्वनि प्रदूषण न फैलाते हुए ‘नो हॉर्न डे’ के उपक्रम में शामिल होने की अपील की है। बहरहाल पुणे की अनुशासन हीन ट्रैफिक में सुधार लाने हेतु कमर कसी हुई डीसीपी तेजस्वी अपने नए- नए फंडों को लेकर चर्चा में छाई हुई हैं। इससे पहले उन्होंने शहर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक सड़क पर यातायात नियमों के अनुपालन को लेकर एक ड्राइव ली थी जिसमें मात्र चार मिनट के लिए पुणेकर न केवल खुद को आरोपी के कटघरे में खड़ा कर रहे हैं बल्कि अपनी और दूसरों की जान के लिए खतरा बढ़ाते पाए गए।