बंद के फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरे व्यापारी ; उठाया सवाल, दुकानें खोलनेभर से बढ़ रहा कोरोना?

उठाया सवाल, दुकानें खोलनेभर से बढ़ रहा कोरोना?
पिंपरी मर्चंट फेडरेशन के अध्यक्ष श्रीचंद आसवानी के नेतृत्व में आंदोलन
पिंपरी। महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते पिंपरी चिंचवड़ शहर में अत्यावश्यक सेवाओं को छोड़ शहर के बाजार, दुकानें, मॉल, जिम, सलून आदि 30 अप्रैल तक बंद कर दिया गया है। इससे पहले के लॉकडाउन से हुए आर्थिक नुकसान से उबरने की कोशिश में जुटे व्यापारियों में इस फैसले को लेकर आक्रोश व्याप्त है। इसी कड़ी में बुधवार को शहर के मुख्य बाजार हाट समझे जानेवाले पिंपरी बाजार में व्यापारियों ने सड़कों पर उतरकर आंदोलन की भूमिका अपनाई। पिंपरी मर्चन्ट फेडरेशन के अध्यक्ष श्रीचंद आसवानी के नेतृत्व में किये गए आंदोलन में व्यापारियों ने सवाल उठाया है कि, क्या केवल दुकानें खोलनेभर से कोरोना बढ़ रहा है?
पिंपरी के साईं चौक से शगुन चौक तक व्यापारियों ने हाथों में बंद के फैसले का विरोध जटानेवाली तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। इसमें सोशल डिस्टटिंग का पालन करते हुए व्यापारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। फेडरेशन के अध्यक्ष श्रीचंद आसवानी ने कहा कि, पहले के लॉकडाउन से पहले ही व्यापार ठप्प पड़ा हुआ है। बाजार में ग्राहक नहीं हैं, व्यापारी वर्ग त्रस्त है। कइयों की दुकान किराए पर ली हुई है। व्यापार ठप्प रहने से दुकान का किराया, बैंक लोन की किश्तें, कर्मचारियों का वेतन, लाइट बिल, जीएसटी, प्रॉपर्टी टैक्स समेत अन्य ख़र्च का भार जस के तस हैं। अब उसी में माहभर दुकानें बंद करने का आदेश जारी किया गया है। इस फैसले ने व्यापारियों की नींद हराम कर दी है। पूरी तरह से बाजार बंद करने की बजाय नियमों को कड़ा कर दुकानें शुरू रखने की अनुमति दी जानी चाहिए, यह मांग की जा रही है।
पिंपरी बाजार की भांति पिंपरी चिंचवड़ शहर के अन्य व्यापारियों द्वारा भी बन्द के इस फैसले का कड़ा विरोध किया जा रहा है। प्राधिकरण व्यापारी
एसोसिएशन के अध्यक्ष मुकेश सोमैया ने कहा कि परिवहन, नंबर दो व्यवसाय चल रहे हैं। कोरोना अकेले सिर्फ इसलिए नहीं बढ़ रहा है क्योंकि दुकानें चल रही हैं। व्यापारियों द्वारा उचित देखभाल के साथ व्यापार किया जा रहा है। व्यापारियों का टीकाकरण हो रहा है। उपभोक्ता को टीकाकरण के लिए प्रेरित भी कर रहा है। व्यापारी सभी नियमों का सख्ती से पालन करके व्यवसाय करना जारी रखते हैं। व्यापारियों को समय-समय पर मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए जाते हैं। फिर भी, दुकानें बंद रखने का आदेश दिया गया है। यह इन सभी स्थितियों का समाधान नहीं है। पिंपरी चिंचवड सराफ असोसिएशन के उपाध्यक्ष दिलीप सोनिगरा ने कहा, वर्तमान में, राज्य सरकार के नियमों का पालन करने का फैसला किया गया है। क्योंकि, कोरोना के मरीजों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। सार्वजनिक स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए। इसके लिए, व्यापारियों ने इसे कम से कम आठ दिनों के लिए बंद रखने का फैसला किया है। इसके बाद अगली भूमिका ली जाएगी। पिंपरी क्लॉथ मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रभु जोथवानी ने कहा कि यह बहुत गलत फैसला था। कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं,  यह स्वीकार्य है।  लेकिन, शहर में अस्पताल हैं, बेड्स उपलब्ध है, मृत्यु दर भी कम है। व्यापारी पहले से ही आर्थिक परेशानी में है।  बेरोजगारी बढ़ रही है, जिससे मौतें हो रही हैं। फिर से तालाबंदी जैसा निर्णय लेना बहुत गलत है। पुणे बंद है इसलिए यहां भी बंद करने की आवश्यकता नहीं है।  कपड़ा व्यापारियों के संघ, फुटवियर और मोबाइल की दुकानों द्वारा दुकानों को बंद करने के फैसले का कड़ा विरोध किया गया है। किराने की दुकानों की अनुमति है। हमें भी ऐसा ही करने दिया जाना चाहिए। बुलियन ट्रेडर्स, क्लॉथ रिटेलर्स, बर्तन रिटेलर्स और अन्य रिटेलर्स वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।  व्यापारियों को दुकान के किराए, श्रमिकों के वेतन और ऋण किश्तों का भुगतान कैसे करें जैसे सवालों का सामना करना पड़ रहा है।  सरकार को इन बातों को गंभीरता से लेना चाहिए और सही निर्णय लेना चाहिए।