आज बदले की सियासत तो तब क्या न्याय- धर्म की सियासत थी?

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन –  ईडी द्वारा शरद पवार के खिलाफ मामला दर्ज किए जाने के बाद बदले की सियासत की बात कही जा रही है। क्या तब न्याय व धर्म की सियासत थी जब 1992 में मुंबई के दंगों में मजलूमों की हिफाजत के लिए खड़े हुए स्व बालासाहेब ठाकरे को 2000 में गिरफ्तार करने के लिए निकले थे? यह सवाल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार की रात पिंपरी चौक में महायुति के प्रत्याशियों के प्रचारार्थ आयोजित सभा में उठाया। उन्होंने यह भी कहा कि गलत कामों की जांच तो होकर रहेगी। ईडी के दफ्तर में बिन बुलाए पहुंचने और बैरंग लौटाने के बाद ईडी से लड़ने के शरद पवार के दावों को उन्होंने नाटक करार दिया।
पिंपरी विधानसभा से महायुति के प्रत्याशी गौतम चाबुकस्वार के प्रचारार्थ आज पिंपरी चौक में डॉ बाबासाहेब आंबेडकर स्मारक के पीछे के मैदान में यह सभा संपन्न हुई। सभा के मंच पर विधानपरिषद की उपसभापति डॉ नीलम गोऱ्हे, संपर्क प्रमुख बाला कदम, सांसद श्रीरंग बारणे, अमर साबले, डॉ. रघुनाथ कुचिक, महायुति के चिंचवड विधानसभा के प्रत्याशी लक्ष्मण जगताप, महापौर राहुल जाधव, शिवसेना राज्य संगठक गोविंद घोलवे, अर्जुन डांगले, सह संपर्कप्रमुख इरफान सय्यद, जिला प्रमुख गजाजन चिंचवडे, शहरप्रमुख योगेश बाबर, महिला संगठक उर्मिला कालभोर, प्राधिकरण के अध्यक्ष सदाशिव खाडे, अण्णा भाउ साठे महामंडल के अध्यक्ष अमित गोरखे, आरपीआई के शहराध्यक्ष सुरेश निकालजे, सभागृह नेता एकनाथ पवार, पूर्व नगरसेविका चंद्रकांता सोनकांबले, राजेश पिल्ले, बाबू नायर, जितेंद्र ननावरे आदि उपस्थित थे।
लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों की कोई न कोई गतिविधियां जारी रही मगर विधानसभा चुनाव में तो टीका- टिप्पणी किस पर करें, यह सवाल सता रहा है। क्योंकि विपक्ष के पास महायुति के मुकाबले लड़ने के लिए लोग ही नहीं बचे हैं। कांग्रेस तो पूरी तरह से खत्म हो गई है और राष्ट्रवादी कांग्रेस में जो बचे हैं वे अपना दरवाजा कसकर बंद कर रखे हुए हैं, ताकि और कोई बाहर न जा सके। बाहर भी कंटिया लगाकर रखी है ताकि भाजपा या शिवसेना से कोई उनके जाल में फंस जाए। मगर उन्हें केवल निराशा ही हाथ लगेगी। यह दावा करते हुए ठाकरे ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे के उस बयान की खिल्ली उड़ाई जिसमें उन्होंने दोनों कांग्रेस के थकने की बात कही और विलीनीकरण की जरूरत बताई। ठाकरे ने उस बयान का धागा पकड़ते हुए सवाल किया कि क्या आप ऐसे ‘थकेले- पकेले’ का साथ देंगे? इस सभा में राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूतपूर्व नगरसेवक नारायण बहिरवाड़े ने शिवसेना में प्रवेश किया, ठाकरे ने उनका स्वागत किया।