लोकायुक्त कानून बनाने के लिए सरकार ने कसी कमर

पुणे : समाचार ऑनलाइन – भ्रष्टाचार को रोकने के लिए लोकपाल कानून के अनुसार महाराष्ट्र में लोकायुक्त नियुक्त करने की प्रक्रिया राज्य सरकार ने अब शुरू कर दी है। लोकायुक्त कानून के मसूदे पर चर्चा करने के लिए पुणे स्थित यशदा में 11 तथा 12 जून को संपन्न हुए दो दिवसीय बैठक की शिफारसों को मंजूरी के लिए विधिमंडल भेजा जाएगा।

गौरतलब है कि राज्य में लोकायुक्त नियुक्त करने की प्रमुख मांग को लेकर वरिष्ठ समाजसेवी अण्णा हजारे ने जनवरी-फरवरी में रालेगणसिध्दि में अनशन आंदोलन किया था। उस समय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनसे मिलकर लोकायुक्त कानून का मसूदा तैयार करने के लिए संयुक्त समिति गठित करने का आश्वासन दिया था। आश्वासन के बाद हजारे ने अनशन पीछे लिया था।

दरिमियान मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आश्वासन के अनुसार राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में संयुक्त मसूदा समिति गठित की गई है। इस समिति की दो दिवसीय बैठक पुणे के यशदा में संपन्न हुई। बैठक में हजारे, पूर्व सनदी अधिकारी उमेशचंद्र सरंगी, विश्वंभर चौधरी, शाम असावा, संजय पठाड़े, शासन के प्रतिनिधि के तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) संजय कुमार तथा विधि एवं न्याय विभाग के सचिव राजेंद्र भागवत उपस्थित थे। बैठक में कानून के मसूदे पर विस्तृत रूप से चर्चा हुई। बैठक में मंजूर की गई शिफारसों को विधिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राज्य में लोकपाल के नए कानून के अनुसार लोकायुक्त कानून हुआ तो महाराष्ट्र यह देश का पहला राज्य होगा जिसमें यह कानून होगा।

क्या कहा हजारे ने?
हजारे ने इस संदर्भ में कहा कि देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए केन्द्र में लोकपाल कानून हुआ। उसके बाद एक साल के भीतर सभी राज्यों में लोकायुक्त कानून होना अपेक्षित था लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। महाराष्ट्र का सूचना अधिकार देश के लिए मार्गदर्शक साबित हुआ है। उसी तरह लोकायुक्त कानून भी मार्गदर्शक तथा प्रभावी हो इस हेतु मसूदा तैयार करने पर बैठक में चर्चा हुई। इस संदर्भ का विधेयक मानसून अधिवेशन में प्रस्तूत किया जाएगा। उसमें यह विधेयक मंजूर होकर उस पर अमल होगा ऐसी अपेक्षा है।