टीकरी बॉर्डर प्रकरण…पश्चिम बंगाल से दिल्ली आते वक्त ट्रेन में ही युवती से हुई थी छेड़छाड़   

ऑनलाइन टीम. नई दिल्ली : हरियाणा के बहादुरगढ़ में  टीकरी बॉर्डर पड़ाव पर  पश्चिम बंगाल की आंदोलनकारी युवती से सामूहिक दुष्कर्म मामले में नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। अब यह पता चला है कि आंदोलन में शामिल होने के लिए जब पश्चिम बंगाल से उक्त युवती टीकरी बार्डर रवाना हुई थी, तब ट्रेन में ही उससे छेड़छाड़ की गई थी।

मामले में आरोपी महिला योगिता ने इसका खुलासा किया। एसआईटी ने महिला से करीब तीन घंटे  तक पूछताछ की। युवती के पिता ने भी पीड़िता की जो वीडियो रिकॉर्डिंग सौंपी है, उसमें युवती ने छेड़छाड़ की बात कही है। अनिल मलिक पर अनुचित व्यवहार के आरोप भी सामने आए हैं। पुलिस के अनुसार, योगिता ने जांच में पूरा सहयोग नहीं दिया। वह बोली कि हो सकता है मामले में अधिक जानकारी दूसरी आरोपी कविता को हो। पुलिस इस बात से आवाक है कि शर्मसार करने वाली घटना तात्कालिक तो नहीं लग रही, क्योंकि महिलाओं के एक खेमे को घटना के बारे में जानकारी थी और उन्होंने किसी को बताया नहीं। ट्रेन में की गई छेड़छाड़ की बात पहले ही सामने आ गई होती तो हो सकता था कि युवती को सुरक्षित माहौल मिलता।

बहरहाल, बहादुरगढ़ पुलिस ने दो महिलाओं और चार युवकों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया है। आरोपी किसान सोशल आर्मी से जुड़े हैं। उनकी पहचान अनिल मलिक, अनूप सिंह, अंकुश सांगवान, जगदीश केंड़, कविता आर्य और योगिता सुहाग के रूप में हुई है। युवती तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन में भाग लेने के लिए गत 11 अप्रैल को टीकरी बॉर्डर आई थी। वह अपने कामरेड पिता के साथ जनवादी आंदोलनों में हमेशा सक्रिय रहता थी। कृषि कानूनों को किसान विरोधी मानती थी, इसलिए किसान आंदोलन से जुड़ी थी।

किसान नेता योगेंद्र यादव ने कानूनी कार्रवाई में देरी होने पर सफाई में कहा कि किसान नेताओं ने इस संबंध में आंतरिक कार्रवाई की। पीड़िता को मेडिकल सहायता उपलब्ध करवाना उनकी प्राथमिकता थी।  विचार-विमर्श में कुछ ज्यादा समय लगा। कोरोना के लक्षण के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था।