खोडाला, 21 नवंबर मोखाडा तालुका के खोडाला परिसर में अतिदुर्गम आमले में मनीषा सन्या दोरे (25 ) गर्भवती आदिवासी महिला की प्रसूति वेदना के वक़्त एम्बुलेंस और इलाज नहीं मिला। इस महिला का नाशिक के जिला हॉस्पिटल में 17 नवंबर को सिजीरियन किया गया। लेकिन रात में नवजात की मौत हो गई और महिला की हालत ख़राब हो गई। इस महिला का इलाज चल ही रहा था कि 19 नवंबर की सुबह 6. 30 बजे उसकी मौत हो गई
अतिदुर्गम आमले की मनीषा सन्या दोरे (25 ) सात महीने गर्भवती आदिवासी महिला की अचानक ब्लीडिंग और प्रसूति वेदना 17 नवंबर की शाम 5 बजे शुरू हो गया। इस दौरान आशा कार्यकर्ता मंगला वारे ने 108 एम्बुलेंस को फ़ोन किया। लेकिन एम्बुलेंस घंटे के बाद गांव पहुंची।
इस दौरान ग्रामीणों ने महिला को डोली करके तीन किलोमीटर पैदल चलकर खोडाला-वाडा के मेन रोड पर पहुंचे। इस ढाई घंटे में महिला के शरीर से बड़ी मात्रा में ब्लीडिंग और पानी बाहर आया। ऐसी स्थिति में उसे खोडाला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में जांच कराकर आगे के इलाज के लिए नाशिक के जिला सरकारी हॉस्पिटल लाया गया। यहां रात में महिला का सिजीरियन किया गया। महिला ने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। लेकिन रात में ही बच्चे की मौत हो गई। इससे मनीषा की हालत ख़राब हो गई। उसका इलाज चल ही रहा था कि महिला ने 19 नवंबर की सुबह 6. 30 बजे दम तोड़ दिया।
इस घटना पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोडाला के मेडिकल अफसर डॉ. सागर मुकने ने बताया कि महिला के केंद्र में आने के बाद ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने जांच की। उसका ब्लड प्रेसर कम होने और ब्लीडिंग की वजह से उसे तुरंत नाशिक रेफर किया गया। खोडाला प्राथमिक स्वास्थ्य सेंटर में मौजूद 108 एम्बुलेंस कोविड सेंटर को दिया गया है। हमने कई बार इसकी मांग की है।
वही ग्रामीण पांडुरंग लहू वारे ने बताया कि मनीषा दोरे वेदना से तड़प रही थी। ऐसी स्थिति में हमने डोली करके उसे मेन रोड पर लाये। लेकिन एम्बुलेंस ढाई घंटे बाद आई। इस दौरान उसके शरीर से बहुत सारा खून और प;पानी बाह गया। उसका समय पर इलाज हुआ होता तो मां और बच्चा दोनों जिंदा होते। ऐसी कई घटना हमारे गांव में हो चुकी है।