डिजिटल बैंकिग क्षेत्र में क्रांति के लिए तीन दिवसीय ट्रेनिंग कैंप

पुणे : समाचार ऑनलाईन – सहकारी बैंकों के लिए डिजिटल बैंकिंग का तीन दिवसीय ट्रेनिंग कार्यक्रम वैकुंठ मेहता इंस्टीट्यूट ऑफ को-ऑपरेटिव मैनेजमेंट (वैम्नीकॉम) में 13 से 15 मई के बीच आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) और डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल इन्क्लुजन एंड बैंकिंग टेक्नोलॉजी (डीएफबीआईटी) संस्था का सहयोग मिला।
आठ राज्यों से 38 प्रशिक्षाणार्थी कार्यक्रम में शामिल
तमिलनाडू और उत्तर प्रदेश सहित देश के आठ राज्यों से 38 प्रशिक्षाणार्थी इस कार्यक्रम में शामिल हुए थे। डिजिटल बैंकिंग के क्षेत्र में जरूरी सेंट्रल नो योर कस्टमर रजिस्ट्री (सीकेवाईसीआर), साइबर सिक्योरिटी मोबाइल बैंकिंग के संबंध में प्रशिक्षाणार्थियों का मार्गदर्शन किया गया। इस ट्रेनिंग कार्यक्रम के को-ऑडिनेटर प्रा. प्रदीप वी. देशपांडे थे।
नाबार्ड के पुणे ब्रांच के जनरल मैनेजर देबाशीष पाधी की उपस्थिति में 15 मई को कार्यक्रम का समापन हुआ। डिजिटल बैंकिंग के संदर्भ में वैम्नीकॉम द्वारा की गई पहल की पाधी ने खास प्रशंसा की। केंद्र सरकार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया, नाबार्ड के सहयोग से सहकारी बैंकों ने किसानों, मजदूरों, मेहनतकश वर्गों तक डिजिटल बैंकिंग का प्रसार और प्रचार करने की अपील की।
डिजिटल बैंकिंग प्रशिक्षण कार्यक्रम में नाबार्ड के सहयोग को लेकर वैम्नीकॉम के डायरेक्टर डॉ। के।के। त्रिपाठी ने आभार जताया। इस ट्रैनिंग में शामिल हुए प्रशिक्षणार्थियों को डिजिटल बैंकिंग के संदर्भ में प्राप्त ज्ञान को रोज के कामकाज में उपयोग करने की अपील की गई।