उत्तर भारत में इस बार ‘समुद्री असर’,  फरवरी तक पड़ेगी कड़ाके की ठंड

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम
उत्तर भारत में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ेगी। मौसम विभाग की मानें तो फरवरी  ठंड सामान्य  से ज्यादा रहने वाली है।  राहत की बात यह है कि दिन का तापमान सामान्य से ऊपर रह सकता है। मैदानी इलाकों में राजस्थान में सबसे ज्यादा कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, प. बंगाल, ओडिशा व पूर्वोत्तर के राज्यों में दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से डेढ़ डिग्री तक अधिक रहने की संभावना है। वहीं, दक्षिण भारत में केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु के कई इलाकों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम हो सकता है। यानी यहां दिन के समय में उतनी गर्मी नहीं होगी। सर्दियों के अंत तक कमोबेश यही स्थिति देखने को मिल सकती है।मौसम विभाग के मुताबिक मध्य व पूर्वी भूमध्य प्रशांत महासागर में समुद्र सतह का तापमान सामान्य से कम है।

तीन महीने के लिए जारी पूर्वानुमान में मौसम विभाग ने कहा है कि कई इलाकों में शीतलहर भी चल सकती है। तेवर दिल्ली में दिख चुका है। नवंबर में ही यहां पिछले 10 सालों में सबसे ज्यादा ठंडी रही। इस दौरान राजधानी का न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री के आसपास ही रहा।  दरअसल, इंडोनेशिया और आसपास के देशों में ला नीना  के असर से इस बार बारिश औसत से अधिक हुई। इसके असर से यह स्थिति सामने आने वाली है। इसका कारण पश्चिमी विक्षोभ के आने से पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी होना है। पहाड़ की ओर से आने वाली हवाएं व उत्तर व उत्तर-पश्चिमी भारत के मैदानी इलाकों में आसमान के साफ रहने से रात में तापमान गिरेगा और दिन में धूप खिलने से तापमान बढ़ेगा।

मौसम विभाग के मुताबिक कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल, उत्तराखंड में अगले तीन महीने के दौरान 11 से 15 बार विक्षोभ आएगा। दिसंबर में तीन से चार, जनवरी में पांच से छह और फरवरी में चार से पांच विक्षोभ आएगा। हर विक्षोभ के समय बार बर्फबारी का दौर देखने को मिलेगा। याद रहे, IMD महानिदेशक महापात्रा ने एक वेबिनार में कहा था कि यह नहीं समझना चाहिए कि जलवायु परिवर्तन से तापमान में बढ़ोतरी होती है। सच्चाई यह है कि तापमान में बढ़ोतरी की वजह से मौसम अनियमित हो जाता है। उन्होंने कहा था कि शीत लहर की स्थिति के लिए ला नीना अनुकूल होता है।