‘यह’ कचौड़ी वाला निकला करोड़पति, सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपए से अधिक

अलीगढ़ : समाचार ऑनलाईन – अलीगढ़ स्थित मुकेश कचोड़ी भंडार नामक दुकान पर वाणिज्य कर विभाग की टीम द्वारा मारे गये छापे में खुलासा हुआ कि उसकी सालाना आमदनी एक करोड़ से अधिक है। जब हकीकत आई तो अधिकारियों की आंखें फटी की फटी रह गईं। टीम ने दुकान पर खड़े होकर कचौड़ी वाले की बिक्री और एक दिन में इस्तेमाल होने वाले खाद्य वस्तुओं के आधार पर साठ लाख रुपये से अधिक सालाना का टर्न ओवर निकाला है, जो बढ़कर एक करोड़ के भी पार हो सकता है। फिलहाल दुकानदार मुकेश को नोटिस जारी कर दिया गया है।

अलीगढ़ शहर स्थित सीमा टॉकीज के पास मुकेश नाम का व्यापारी पिछले दस-बारह साल से कचौड़ी व समोसे बेचता है। व्यापारी के संबंध में बीते दिनों स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो लखनऊ को शिकायत प्राप्त हुई। मामला लखनऊ से अलीगढ़ पहुंचा। अलीगढ़ वाणिज्य कर विभाग की एसआईबी के अधिकारियों ने पहले कचौड़ी वाले की दुकान की तलाश की। दुकान मिलने के बाद दो दिन तक आस-पास बैठकर बिक्री का जायजा लिया। इसके बाद विभाग की टीम 21 जून को सर्वे करने पहुंची। सर्वे की कार्रवाई शुरू हुई तो व्यापारी ने खुद ही हर माह लाखों रुपये के टर्न ओवर की बात स्वीकार कर ली। ग्राहकों की संख्या, कच्चे माल की खरीद, रिफाइंड, चीनी व गैस सिलेंडर खर्च के बारे में दुकानदार ने सभी जानकारी दे दी।

जांच एजेंसी के अधिकारियों ने प्राथमिक जांच में पाया कि कचौड़ी व्यापारी का सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपये से अधिक है। पिछले 10 सालों से व्यापारी कचौड़ी व समोसे का काम कर रहा है। जांच में व्यापारी जीएसटी में पंजीकृत नहीं मिला। जबकि सालाना 40 लाख रुपये का टर्न ओवर करने वालों को जीएसटी में पंजीयन कराना होता है। जांच अफसरों का दावा है कि प्राथमिक जांच में ही 60 लाख टर्न ओवर सामने आया है, लेकिन विस्तृत जांच में सालाना टर्न ओवर एक से डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है।

तैयार माल पर पांच फीसदी लगती है जीएसटी

तैयार माल पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगती है। पिछले 10 सालों से व्यापारी बिना कर चुकाए ही कारोबार कर रहा है। एसआईबी के अधिकारियों ने बताया कि व्यापारी को जीएसटी में पंजीयन कराना होगा और एक साल के कारोबार पर टैक्स अदा करना होगा।

एसआईबी के निशाने पर आए कई कचौड़ी व्यापारी

अलीगढ़ में सामान्य से कचौड़ी व्यापारी का सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपये से अधिक सामने आने के बाद नामचीन और बड़े कचौड़ी वाले विभाग के निशाने पर आ गए हैं। अलीगढ़ में करीब 600 कचौड़ी बेचने वाले छोटे-बड़े दुकानदार हैं। एक दुकानदार की पोल खुलने से जांच एजेंसी के अधिकारी सक्रिय हो गए हैं। शहर में ऐसे ही दुकानदारों की तलाश कर रहे हैं, जिनको जीएसटी के दायरे में लाया जा सके।

ताला-हार्डवेयर की नगरी में ठेले पर कचौड़ी बेचने वाले भी हैं करोड़पति

ताला व हार्डवेयर उद्योग के लिए प्रसिद्ध अलीगढ़ में की कचौड़ी व समोसे बेचने वाले भी करोड़पति हो गए हैं। इसके अलावा काफी कचौड़ीवाले का कारोबार किसी की नजर में नहीं है। कमाई के मामले में उनके सामने बड़े-बड़े उद्यमी भी पीछे छूट गए हैं। अलीगढ़ में हर गली-चौराहे पर सुबह से ही कचौड़ी खाने वालों की अच्छी संख्या रहती है।
अलीगढ़ रेंज ए एसआईबी के डिप्टी कमिश्नर आरपीएस कौंतेय ने कहा, शिकायत के आधार पर एसआईबी को एक कचौड़ी वाले की प्राथमिक जांच में सालाना टर्न ओवर 60 लाख रुपये से अधिक मिला है। व्यापारी को नोटिस जारी कर दिया गया है। विस्तृत जांच में टर्न ओवर एक से डेढ़ करोड़ रुपये के पार जाएगा। व्यापारी को जीएसटी में पंजीयन कराना होगा।

मेरी सालाना आमदनी 20 लाख से भी कम : कचोड़ी वाला मुकेश

जीएसटी सहित किसी भी तरह के टैक्स न भरने वाले मुकेश ने कहा, मेरी सालाना आमदनी 20 लाख रुपये से भी कम है। मुझे नियमों की जानकारी नहीं थी। मैं तो छोटा व्यापारी हूं। हम साधारण लोग हैं और जीवन-यापन के लिए कचोड़ी और समोसे बेचते हैं। हालांकि अधिकारी उसकी बात को झूठ बता रहे हैं। 12 साल से दुकान चला रहे मुकेश को पहली बार टैक्स का नोटिस मिला है। अब मुकेश को 5% की दर से एक साल का टैक्स देना होगा।

मुकेश पिछले कई साल से कचौरी-समोसे बेच रहा है, लेकिन हाल ही में किसी ने कमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट से शिकायत कर दी थी। उसके बाद टैक्स इंस्पेक्टर्स की टीम ने पास की दुकान पर बैठकर मुकेश की बिक्री पर नजर रखना शुरू कर दिया। मामले की जांच कर रहे स्टेट इंटेलीजेंस ब्यूरो (एसआईबी) के सदस्य ने कहा कि मुकेश ने इच्छापूर्वक आय और सभी खर्चों का ब्यौरा दे दिया। उसे जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ेगा और एक साल का टैक्स भी चुकाना पड़ेगा। 40 लाख रुपए या ज्यादा के टर्नओवर वालों के लिए जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। तैयार खाने पर 5% टैक्स लगता है।