समाचार ऑनलाइन- ब्रिटेन में गुरुवार को चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके मद्देनजर कंजर्वेटिव पार्टी के बोरिस जॉनसन और लेबर पार्टी के नेता जेरेमी कॉर्बिन भारतीय वोटरों को लुभाने का हर संभव प्रयास करते नजर आ रहे हैं. आप इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि कंजर्वेटिव पार्टी ने हिंदू वोटर्स को आकर्षित करने के लिए एक हिंदी गाना बनाया है, जो इन दिनों खूब वायरल हो रहा है. वहीं लेबर पार्टी ने सत्ता पाने के लिए जलियावालाबाग को लेकर बड़े-बड़े वादे किए हैं. बता दें कि शुक्रवार को चुनाव के नतीजे आएंगे.
पहले आपको हिंदी गाने के बारे में बताते हैं जिसे कंजर्वेटिव पार्टी में भारतीय मूल के उम्मीदवार शैलेश वारा ने ट्वीट करके जारी किया है. इस गीत के बोल हैं- जागो, जागो, जागो… चुनाव फिर से आया है… बोरिस को हमें जिताना है… इस देश को हमें दिखाना है… कुछ करके हमें दिखाना है. इस गाने के वीडियो में बोरिस जॉनसन के साथ प्रधानमंत्री मोदी सहित अन्य भारतीय उच्च अधिकारीयों को भी दिखाया गया है. अब यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है.
यही नहीं हाल ही में बोरिस जॉनसन अपनी पत्नी के साथ लंदन के स्वामी नारायण मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे. इस समय उनकी वाइफ कैरी सेमंड्स साड़ी पहनी हुई थी.
Ok who made this Hindi video to vote for #BorisJohnson 🤣🤣🤣
Pls confessI wanna buy you a drink pic.twitter.com/wskQed0Zpd
— atul kasbekar (@atulkasbekar) December 8, 2019
वही दूसरी ओर लेबर पार्टी ने दक्षिण एशियाई लोगों को अपनी वोट बैंक में शामिल करने के लिए एक चुनावी घोषणापत्र जारी किया है. इसमें भरोसा जताया गया है कि यदि उनकी सरकार सत्ता में आई तो तो जालियांवाला बाग कांड के लिए ब्रिटेन सरकार उनसे माफी मांगेगी. इतना ही नहीं ब्रिटेन के स्कूलों में ब्रिटिश राज में हुए अत्याचारों के बारे में भी पढ़ाया जाएगा.
बता दें कि भारतीय मूल के लोग कंजर्वेटिव पार्टी के समर्थन में हैं, जबकि पाकिस्तानी मूल के लोग लेबर पार्टी के पक्ष में दिखाई दे रहे हैं. इन चुनाओं में इन दोनों देश के लोग अहम भूमिका निभा सकते हैं.
बताया जा रहा है कि भारतीय, पाकिस्तान और बांग्लादेशी मूल के करीब 30 लाख लोग ब्रिटेन की संसद की 48 सीटों पर प्रभाव डालते हैं.
साल 2011 की जनगणना के अनुसार ब्रिटेन की आबादी 6 करोड़ है. इसमें लगभग 2.5 % भारतीय हैं. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार भारतीय मूल के लगभग 15 लाख लोग ब्रिटेन में रहते हैं, जिनमें 5 लाख सिख, 3 लाख भारतीय मुस्लिम और एक लाख से अधिक दक्षिण भारतीय शामिल हैं.
गत इलेक्शन में दक्षिण एशियाई मूल के 12 उम्मीदवारों की जीत हुई थी. इसमें लेबर पार्टी के 7 और कंजर्वेटिव पार्टी के 5 उम्मीदवार शामिल थे.