मुंबई : ऑनलाइन टीम – मुंबई के मलाड उपनगर में भारी बारिश के दौरान एक इमारत गिरने और हादसे में 12 लोगों की मौत पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने न केवल हादसे की न्यायिक जांच के आदेश देकर 24 जून तक आरंभिक रिपोर्ट मांगी, वरन अवैध निर्माण के जिम्मेदारों पर कार्रवाई का भी निर्देश दिया।
मुंबई के मलवनी इलाके में बुधवार देर रात तीन मंजिला एक इमारत की दो मंजिलों के पास के एक मंजिला मकान पर गिरने से आठ बच्चों सहित 12 लोगों की मौत हो गई और सात अन्य लोग घायल हो गए थे। अदालत ने कहा कि इस घटना ने साबित कर दिया कि मुंबई में नगर निगम वार्डों के साथ ही उसके आसपास के इलाकों में पूरी तरह से अराजकता थी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने जांच आयुक्त को घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट 24 जून तक सौंपने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि वह इस घटना से काफी दुखी है जिसमें आठ मासूम बच्चों की मौत हो गयी। अदालत ने कहा कि संबंधित नगर निगम वार्ड के प्रभारी को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। पीठ ने आगे कहा कि इस साल 15 मई से 10 जून के बीच मुंबई और उसके आसपास के इलाकों में इमारतें गिरने की चार घटनाएं हुईं जिनमें कुल 24 लोगों की मौत हो गई।
हाईकोर्ट ने पूछा कि इस अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी क्या कर रही है। जो लोग इन अवैध निर्माण के जिम्मेदार हैं, उन पर कार्रवाई की जाए और जरूरत पड़ने पर आपराधिक केस दायर कराया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि इमारत गिरने की जांच कमिश्नर स्तर के अधिकारी से कराई जा सकती है।
Bombay High Court takes suo motu cognizance of Malad Building collapse, to hear the matter at 2 pm today
— ANI (@ANI) June 11, 2021