नागरिकता कानून से पुरे देश में बवाल, जानें क्या हैं NRC ?, दिखाने होंगे आपको ये दस्तावेज

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। देश के उत्तर पूर्व हिस्से से लेकर दक्षिण तक लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं और केंद्र सरकार से इस कानून को बदलने की मांग कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र भी सीएए के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसके विरोध में जगह-जगह पर आगजनी की जा रही है। बसों पर पथराव, तोड़फोड़ की जा रही है। संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने धर्म के आधार पर भेदभाव की आशंका को खारिज करते हुए कहा था कि किसी भी समुदाय को इससे डरने की जरूरत नहीं है। शाह ने कहा था, ‘एनआरसी में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है जिसके आधार पर कहा जाए कि और धर्म के लोगों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। देश के सभी नागरिक भले ही उनका धर्म कुछ भी हो, एनआरसी लिस्ट में शामिल हो सकते हैं।

क्या है एनआरसी –
एनआरसी एक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर है जो यह बताता है कि कौन-कौन भारत के नागरिक है और कौन नहीं। इस रजिस्टर में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं होते हैं उन्हें अवैध नागरिक कहा जाएगा। वर्तमान में भारत में केवल असम में ही यह कानून लागू है। असम पहला राज्य है जहां एनआरसी के तहत ड्रॉफ्ट लागू हुआ, लेकिन इसे देश में भी लागू किया जाएगा। यहीं वो रजिस्टर है जिसके हिसाब से असम में 25 मार्च 1971 से पहले रह रहे लोगों को भारतीय नागरिक माना गया है। बता दें कि एनआरसी के दो प्रकार ‘ए’ और ‘बी’ की लिस्ट मांगी गई है।

मांगे गए दस्तावेज कुछ इस प्रकार हैं –
1951 का एनआरसी, 25 मार्च 1971 तक वोटर आईडी कार्ड, अगर किराए में रहने हैं तो मकार मालिक के साथ जो करार किया है उसका एग्रीमेंट, रेजिडेंट सर्टिफिकेट, सिटीजनशिप सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, बैंक और एलआसी डॉक्युमेंट्स, स्थायी आवास प्रमाण पत्र, एजुकेशन सर्टिफिकेट, रिफ्यूजी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट।

लिस्ट B में शामिल मुख्य डॉक्युमेंट्स –
जमीन से संबंधित दस्तावेज,  बोर्ड यूनिवर्सिटी सर्टिफिकेट, बर्थ सर्टिफिकेट, बैंक, पोस्ट ऑफिश्यिल सर्टिफिकेट, राशन कार्ड, वोटर लिस्ट में नाम।