‘… तो सीरम इंस्टीट्यूट से वैक्सीन की एक भी गाड़ी को महाराष्ट्र से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा’

मुंबई : महाराष्ट्र में कोरोना संकट दिनों-दिन गहराता जा रहा है। लेकिन संकट के इस दौर में चल रहे राजनीतिक हुल्लडबाजी महाराष्ट्र की परंपरा को शोभा नहीं देता है। महाराष्ट्र में कोरोना वैक्सीन की कमी आई है, इसके पीछे महाराष्ट्र को धोखा देने का काम केंद्र सरकार कर रही है। महाराष्ट्र में इसे लेकर टीकाकरण की राजनीति शुरू हो गई है, जो बहुत ही घिनौना है, सामना के संपादकीय के माध्यम से शिवसेना ने केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना साधा है। जहां सभी पार्टी नेता वैक्सीन को लेकर नाराज हैं, वहीं स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी ने केंद्र को सीधी चेतावनी दी है।

शुक्रवार को राज्य के कई हिस्सों में कोरोना वैक्सीन की कमी थी। खुराक की कमी के कारण गुरुवार को कई स्थानों पर टीकाकरण स्थगित कर दिया गया था। विदर्भ के कई जिलों में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में शुक्रवार को टीकाकरण केंद्र ठप पड़ा था। पश्चिमी महाराष्ट्र में पुणे को छोड़कर स्थिति अधिक गंभीर है, हाथ पर गिने जा सके इतने ही केंद्र शुरू थे। उत्तर महाराष्ट्र में जलगाँव जिले के अधिकांश केंद्र बंद ही देखे गए हैं। राज्य में टीकों की कमी के कारण नेतामंडली आक्रामक हो गए हैं। स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता राजू शेट्टी ने तो केंद्र सरकार को सीधी चेतावनी दी है।

राजू शेट्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखे हैं। उसमे लिखा है जल्द से जल्द महाराष्ट्र को टीके की आपूर्ति की जानी चाहिए, अगर महाराष्ट्र को आठ दिनों के भीतर टीकों की आपूर्ति नहीं हुई, तो हम पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से एक भी गाड़ी को महाराष्ट्र से बाहर नहीं जाने देंगे।

पिछले कई दिनों से राज्य में कोरोना वैक्सीन की कमी है और मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस संबंध में केंद्र से संपर्क किया है। हालांकि, इस पर सिर्फ राजनीति गर्म होते देखी गई है। भाजपा नेता और महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रियों के बीच वाकयुद्ध चल रहा है। हालांकि, महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति को देखते हुए, राज्य में बड़े पैमाने पर वैक्सीन की आपूर्ति हो। यही राज्य की जनता चाहती है।

सामना के माध्यम से केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं की खबर

राज्य के कोंकण, पश्चिमी महाराष्ट्र और मुंबई में वैक्सीन की कमी है और प्रधानमंत्री ने ‘टीकाकरण महोत्सव’ मनाने का आदेश जारी किया है। प्रधानमंत्री के ‘टीकाकरण महोत्सव’ का जश्न मनाने के लिए महाराष्ट्र के भाजपा नेताओं को दिल्ली जाना चाहिए और एक करोड़ वैक्सीन का पार्सल लाना चाहिए। राजनीतिक झगड़े होते हैं, लेकिन उन झगड़ों में लोगों की जान क्यों लेनी है ? महाराष्ट्र के 12 करोड़ लोगों ने कभी तो विपक्ष को सत्ता में रखा था। उतना तो मान रखें। वैक्सीन जनता के लिए है। फालतू की राजनीति के लिए नहीं। जो राजनीति में उलझे हुए हैं उन नेताओं को संभाजी की भाषा में ‘गांडू’ ही बोलना पड़ेगा, इन शब्दो में शिवसेना ने भाजपा पर निशाना साधा।

पक्षपात न करें, मानवता का ध्यान रखें

उत्तर प्रदेश को 44 लाख, मध्य प्रदेश को 33 लाख, गुजरात को 16 लाख, कर्नाटक को 23 लाख, हरियाणा को 24 लाख, झारखंड को 20 लाख और महाराष्ट्र को 17 लाख खुराक मिली। शिवसेना ने विचार व्यक्त किया है कि महाराष्ट्र की आबादी और कोरोना संक्रमण की रफ्तार तेज होने पर भी केंद्र द्वारा इस तरह का पक्षपातपूर्ण व्यवहार करना मानवीय नहीं है। मुंबई में 51 टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया गया है। गुजरात की आबादी महाराष्ट्र की आधी है, फिर भी एक करोड़ टीके मिले, इसके बाद भी गुजरात की परिस्थिति महाराष्ट्र से ज्यादा गंभीर बनी हउई है। इसका निरीक्षण गुजरात हाईकोर्ट ने किया। गुजरात उच्च न्यायालय ने सरकार को महाराष्ट्र मॉडल का इस्तेमाल करने की सलाह दी है।