……..तो यह देश को भारी पड़ेगा, दिल्ली में किसानों के आंदोलन पर शिवसेना की चेतावनी 

 

नई दिल्ली, 30 नवंबर 

लद्दाख और कश्मीर में दुश्मनों से सेना लड़ रही है। सरकार ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल पाकिस्तान और चीन  खिलाफ करे ।  लेकिन देश के राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ ईडी, सीबीआई और दूसरी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।  इससे संस्था को राष्ट्रीय शौर्य गाथा लिखने का मौका मिल रहा है। यह चुटकी शिवसेना ने सामना के जरिये लिया है ।
खालिस्तान के मुद्दे को भाजपा आज नहीं उठा रही है। उसे पंजाब में अपनी राजनीति शुरू करनी है।  पंजाब का यह गुट खड़ा हो गया तो देश को काफी भारी पड़ेगा।
सामना में लिखा गया है कि हर बार बन्दुक से काम नहीं होता है । दिल्ली की सीमा पर अपने किसानों को आतंकी मान कर मारा जा है. जबकि कश्मीर की सीमा पर आतंकी अपने जवानों की बलि ले रहे है।  इसलिए सीमा पर सेना के साथ ईडी, सीबीआई को भेजने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
सरकार पटेल फौलादी पुरुष थे।  फौलादी पुरुष का पुतला मोदी और अमित शाह ने गुजरात में लगवाया है।  सरदार पटेल किसानों के नेता थे।
चीन की सेना हिंदुस्तान के लद्दाख में घुस गई है।  उसी वक़्त पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की सीमा पर तैनात हो गए है।  उनके खिलाफ साम दाम दंड भेद की नीति अपनाई जा रही है।  केंद्र सरकार  के नए कृषि बिल के खिलाफ पंजाब व हरियाणा के किसान आंदोलन कर रहे है।  किसानों को दिल्ली के रामलीला मैदान जाना है।  लेकिन केंद्र की तरफ से लाठियों, ठंड में पानी के फव्वारे, अश्रुगैस के गोले दाग कर उन्हें रोकने का प्रयास किया जा रहा है।  यह मानवता के खिलाफ है।  इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि किसानों के आंदोलन में खालिस्तानी घुस  आये है।  हरियाणा के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनकड़ ने भी यही दावा किया है।  इस आंदोलन के दौरान पाकिस्तान जिंदावाद के नारे लगने का एक वीडियो जारी किया गया है। भारतीय जनता पार्टी का रुख  देश को तोड़ कर रख देगा।
खालिस्तान का मुद्दा समाप्त हो गया है।  इस अंधायुग में बाहर निकालने के लिए इंदिरा गाँधी, जनरल अरुणकुमार वैध ने प्राणों की बलि दी थी। लेकिन इस विषय को  उठाकर भाजपा को  पंजाब में राजनीति करनी है।
किसानों के खिलाफ दंगा का केस कर्ज किया जा रहा है।  हत्या, खून करने के प्रयास करने का आरोप लगाया जा रहा है।