…तो क्या BJP के डर से नहीं हो पा रहा है ठाकरे मंत्रिमंडल का विस्तार!

मुंबई: समाचार ऑनलाइन– मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के महाविकास गठबंधन सरकार के विभागों का बंटवारा हो गया है.  ठाकरे सहित सात मंत्रियों को 56 विभागों की  जिम्मेदारी दी गई है. हालांकि, एनसीपी नेता और मंत्री जयंत पाटिल ने स्पष्ट कर दिया है कि यह तात्कालिक विभागों का बंटवारा है. वहीं दूसरी ओर जानकारी आ रही है कि  भाजपा के डर की वजह से  ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार में देरी हुई है.

उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में राज्य में महाविकास सरकार स्थापित हुई है.  28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने अपने मंत्रियों सहित नई सरकार की शपथ ली. इसके लगभग 15 दिनों बाद कल (गुरुवार) विभागों का बंटवारा किया गया है. कुल 7 मंत्रियों 56 विभगों की जिम्मेदारी दी गई है. एनसीपी नेता और मंत्री जयंत पाटिल ने यह स्पष्ट किया है कि विभागों की साझीदारी अस्थायी है. ऐसी संभावना है कि नागपुर में शीतकालीन सत्र के बाद ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा.

इस’  डर से मंत्रिमंडल के विस्तार का निर्णय अटका

कहा जा रहा है कि राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के बाद ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा. मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद,  स्थायी विभागों का बंटवारा होगा. ऐसे में एक मंत्री ने कैबिनेट विस्तार में हो रही देरी का कारण बताया है. उनका कहना है कि, “भाजपा ने कर्नाटक में जो  प्रयोग किया है, वैसा राज्य में न हो, इस डर से  सावधानी बरती जा रही है. यदि कुछ विधायक अधिवेशन सत्र के दौरान अपना समर्थन वापस लेते हैं, तो सरकार गिरने की संभावना है. इसलिए सरकार किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है.”

ऐसा है विभागों का बंटवारा …

1.मुख्यमंत्री उद्धव बाला साहेब ठाकरे – किसी भी मंत्री द्वारा नामित नहीं किए गए विभाग या उनके हिस्से.

2.एकनाथ संभाजी शिंदे – गृह एवं शहरी विकास, वन, पर्यावरण, जल आपूर्ति और स्वच्छता, मिट्टी और जल संरक्षण, पर्यटन, सार्वजनिक लोकनिर्माण (सार्वजनिक उपक्रम), संसदीय कार्य, पूर्व सैनिक कल्याण.

  1. छगन चंद्रकांत भुजबल– ग्रामीण विकास, जल संसाधन और लाभ क्षेत्र विकास, सामाजिक न्याय और विशेष सहायता, राज्य उत्पादन शुल्क, कौशल विकास और उद्यमिता, खाद्य और औषधि प्रशासन.
  2. विजय उर्फ बालासाहेब भाऊसाहेब थोरात– राजस्व,  ऊर्जाऔर गैर-पारंपरिक ऊर्जा, चिकित्सा शिक्षा, स्कूल शिक्षा, पशुपालन, डेयरी विकास और मत्स्य पालन.
  3. सुभाष राजाराम देसाई –उद्योग और खनन, उच्च और तकनीकी शिक्षा, खेल और युवा कल्याण, कृषि, रोजगार गारंटी योजना, बागवानी, परिवहन, मराठी भाषा, सांस्कृतिक मामले, राज शिष्टाचार, भूकंप पुनर्वास, बंदरगाह और खार भूमि विकास.
  4. जयंत राजाराम पाटिल –वित्त और नियोजना, गृहनिर्माण, सार्वजनिक स्वास्थ्य, सहयोग और विपणन, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण, श्रमिक, अल्पसंख्यक विकास.
  5. डॉ. नितिन काशीनाथ राउत– सार्वजनिक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर), आदिवासी विकास, महिला और बाल विकास, वस्त्र उद्योग, सहायता और पुनर्वास, अन्य पिछड़ा वर्ग, सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ा वर्ग, विमुक्त जाति,  भटक्या जनजातियाँ और विशेष पिछड़ा वर्ग कल्याण.