मुंबई से वापस अपने गांव गए युवक ने लगाई फांसी; कमरे की दीवार पर लिखा था आत्महत्या का कारण और…

वाराणसी, 27 मई : कोरोना संकट काल में मुंबई से अपने घर वाराणसी गए चंद्रकांत सिंह उर्फ़ मोनू ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।  कपसेठी इसरवार गांव का रहने वाला चंद्रकांत सिंह घर में पंखे से लटकर अपनी जान दी है।  इस घटना से पूरा गांव सहम गया है।  घटना की सुचना मिलते ही तत्काल पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस के रूम में प्रवेश करते ही मोनू के शव पंखे से लटका हुआ दिखा।  उसने आत्महत्या की वजह घर की दीवार पर लिखी थी।  उसके घर के बगल में रहने वाले एक परिवार के 10 लोगों के नाम लिखे हुए थे।  मुंबई में प्रॉडकशन हाउस में मोनू सहायक के रूप में काम करता था।  मोनू के चाचा की शिकायत कर पुलिस ने 10 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।  इसरवार गांव के टेलीफ़ोन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी बलवंत सिंह के दो बेटों में से एक मोनू मुंबई में काम करता था।

कोरोना संकट के कारण मोनू वाराणसी अपने घर लौट गया था।  मोनू सिंह के परिवार और बगल में रहने वाले राजकुमार सिंह, सुनील कुमार के परिवार के साथ पिछले कई वर्षो से जमीन का विवाद चल रहा है।  बगल में रहने वाले परिवार उनकी सीमा की जमीन में घाट बना रहा था और बालकनी मोनू की जमीन की सीमा में बनाया था।  इसका मोनू सिंह का परिवार विरोध कर रहा था।  इस मामले का हल निकालने के लिए गांव में पंचायत बुलाई गई थी।  इस पंचायत में राजकुमार सिंह के परिवार ने अपनी धाक दिखाते हुए मोनू सिंह की जमकर पिटाई की थी।  पंचायत के सामने मारपीट से मोनू काफी घबरा गया था।

इसके बाद मंगलवार की सुबह मोनू का शव उसके रूम के पंखे से लटका हुआ मिला।  इतना ही नहीं मोनू ने फांसी लगाने से पहले रूम में दीवार पर बगल में रहने वाले 10 लोगों का नाम लिखकर उन्हें आत्महत्या के लिए जिम्मेदार बताया था। मोनू के परिवार दवारा शिकायत दर्ज कराये जाने के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।  मोनू के अचानक चले जाने से उसकी मां को गहरा झटका लगा है।