दुनिया के वैज्ञानिक स्तब्ध,  सबसे ठंडे निर्जन स्थान परमिला 40 हजार साल पुराना गैंडा 

मास्को. ऑनलाइन टीम : दुनिया के रहने योग्य सबसे ठंडे स्थानों में शुमार रूस के साइबेरिया इन दिनों कौतूहल का केंद्र बना हुआ है। इसलिए कि साइबेरिया दुनिया के सबसे सर्द इलाकों में से एक है, लेकिन इस साल वहां रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ी है। गर्मी की यह लहर जलवायु परिवर्तन के मौसम पर पड़ रहे खतरनाक असर को साफ साफ दिखा रही है। एक ताजा शोध में पाया गया है कि ग्रीनहाउस प्रभाव के कारण साइबेरिया में गर्मी की संभावना कम से कम 600 गुना बढ़ गई है।

साइबेरिया में आम तौर पर साल का अधिकतम तापमान 10 से 17 डिग्री के बीच ही पहुंच पाता है। चूंकि यह पर्यावरण से संबंधित बात है, इसलिए दुनिया भर के पर्यावरणविदों की नजर साइबेरिया पर है। इसी शोध के दौरान उन्हें एक जीव ने चौंका दिया है। इस ठंडे इलाके से बर्फ के बीच वूली गैंडे का विशाल अवशेष मिला है। वूली गैंडे का यह अवशेष याकूतिआन इलाके में पाया गया है, जो हमेशा बर्फ से ढंका रहता है।  गैंडे का यह अवशेष करीब 40 हजार साल पुराना है।

इस बात की तनिक भी उम्मीद नहीं है कि हजारों साल पहले यहां मरे प्राणी फिर से जिंदा हो सकते हैं, लेकिन एक दूसरे पक्ष का मानना है कि प्राचीन बैक्टीरिया और वायरस फिर से जिंदा हो सकते हैं जो हजारों, लाखों साल से बर्फ में दबे हुए हैं। अगर ऐसा हुआ तो दुनिया के लिए अति अचंभित करने वाला विषय हो सकता है।

इस गैंडे की खोज पिछले साल अगस्त महीने में याकूतिआन के निर्जन इलाके में बर्फ के पिघलने के दौरान हुई थी। हैरत यह है कि करीब 40 हजार साल बीत जाने के बाद भी इस वूली गैंडे का 80 फीसदी ऑर्गैनिक मटिरियल अभी भी बना हुआ है। इसमें गैंडे के बाल, दांत, सींग और फैट अभी भी बने हुए हैं। यह किशोर वूली गैंडा करीब 236 सेंटीमीटर का है जो एक वयस्क गैंडे से करीब एक मीटर कम है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह किशोर वूली गैंडा इंसानी शिकारियों से बचने के लिए भाग रहा था और इसी दौरान वह दलदल में फंस गया होगा। हालांकि यह किसी फतांसी कहानियों की तरह अनुमान पर आधारित बाते हैं।