मौसम का अजूबा…सहारा में बर्फ की चादर, 50 साल बाद सउदी का तापमान माइनस दो डिग्री पहुंचा  

रियाद. ऑनलाइन टीम : मौसम के बदले मिजाज का असर पूरी धरती पर देखा जा रहा है। कोना-कोना प्रभावित दिख रहा है। दुनिया के कई हिस्से इन दिनों कड़ाके की ठंड से गुजर रहे हैं। खास तौर पर पहाड़ी इलाकों में ठंड काफी बढ़ गई है और हर तरफ बर्फ ही बर्फ नजर आ रहे हैं। कड़ाके की सर्दी के बीच कई जगह झीलें जम गई हैं, जबकि घरों में नलों का पानी भी जम गया है। जानकार इसे ग्लोबल वार्मिंग का कारण मानते हैं। इस बार तो सहारा रेगिस्तान में भी बर्फ की चादर बिछ गई है और सऊदी अरब में तापमान माइनस दो डिग्री पहुंच गया है।  करीब 50 साल बाद न्यूनतम तापमान इतना कम दर्ज किया गया।

सहारा मरुस्थल में रेत पर बर्फ की चादर की तस्वीरें तो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही हैं।  फोटोग्राफर करीम बोचेटा ने बर्फ से ढंके सहारा मरुस्थल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट की हैं।  पोस्ट की गई तस्वीरों में अइन सेफरा का छोटा अल्जीरियाई रेगिस्तानी शहर पूरी तरह बर्फ से ढंका नजर आया। इन तस्वीरों में बर्फ से घिरी पहाड़ियों पर भेड़ें घूमती दिखाई दीं।

बता दें कि उत्तरी अफ्रीका का अधिकतर हिस्सा सहारा रेगिस्तान से घिरा हुआ है, जो सैकड़ों-हजारों साल से अपने तापमान और आर्द्रता की वजह से चर्चा में रहता है। समुद्र तल से करीब एक हजार मीटर ऊपर और एटलस पर्वत से घिरे अइन सेफरा को रेगिस्तान का मुख्य द्वार माना जाता है।  9,400,000 वर्गमील के क्षेत्र में फैले रेत के इस महासागर को अरबी भाषा में अस सहारा अल कुब्रा अर्थात महान रेगिस्तान कहा जाता है।  जानकारों का कहना है कि 6000 साल पहले तक वहां हरियाली थी। उत्तरी अफ्रीका का बड़ा हिस्सा पेड़ों और झीलों से भरा था। स्वाभाविक तौर पर क्षेत्रफल में आस्ट्रेलिया से बड़े इस इलाके पर जीवन भी था।