चीन ने महिला पत्रकार को जेल में डाला, वुहान में कोरोना का सच उजागर करने पर दी सजा 

वुहान. ऑनलाइन टीम : पूरी दुनिया एक छोटे से कोरोना वायरस के आक्रमण से पस्त है। आरोप लगा कि चीन के वुहान लैब से इस वायरस को छोड़ गया है। इसके बाद दुनिया के कई बड़े देश चीन के खिलाफ खड़े हो गए, लेकिन चीन उन्हें भरोसा दिलाता रहा कि यह हमारी कारस्तानी नहीं है। इस बीच, चीन में ही विद्रोह होने लगा। चीन ने ऐसी हर आवाज को दबा दिया, जिसने उसके कठघरे में खड़े करने की कोशिश की। हाल में सिटिजन जर्नलिस्ट झांग झान पर चीन ने शिकंजा कस दिया है। वुहान में कोरोना वायरस का खुलासा करने पर उन्हें यह संकट आया है।

चीन ने वुहान में कोरोना वायरस पर कई खुलासे करने वाली देश की सिटिजन जर्नलिस्ट झांग झान को ‘झगड़ा करने’ और ‘समस्याओं को उकसाने’ का दोषी करार देते हुए 4 साल जेल की सजा सुनाई गई है। इससे पहले मई महीने में झांग को हिरासत में लिया गया था और वह कई महीने तक इसके खिलाफ भूख हड़ताल पर रही थीं। झांग के वकीलों का कहना है कि उनके मुवक्किल का स्वास्थ्य भी खराब है। अभियोग के मुताबिक झांग फरवरी महीने में कोरोना की स्वतंत्र रिपोर्ट करने के लिए वुहान पहुंची थीं। उन्होंने कई लाइव वीडियो और रिपोर्ट वुहान से किए जिसे फरवरी में सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया गया। इससे चीनी अधिकारियों की नजर उन पर पड़ी और वह उनका शिकार हो गईं।

झांग गत 14 मई से वुहान से लापता थीं। एक दिन बाद यह खुलासा हुआ कि झांग को शंघाई में पुलिस ने हिरासत में लिया गया है।  झांग पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने टेक्स्ट, वीडियो और अन्य मीडिया प्लेटफार्म के जरिए झूठी सूचनाएं फैलाई। बता दें कि चीन में कोई भी स्वतंत्र मीडिया नहीं है और चीनी अधिकारी उन कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई करते हैं जो कोरोना वायरस को लेकर चीन सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हैं।

चीन के एक प्रमुख डॉक्टर  क्वोक युंग युएन ने भी चीन के पाप की कहानी बता की कोशिश की थी। उनका मानना है कि कोरोना शुरू होने पर स्थानीय अधिकारियों ने इस बीमारी के पैमाने को छिपा दिया। डॉक्टर क्वोक युंग युएन ने शुरुआती दिनों में वुहान में कोरोना की जांच कर रहे थे। चीनी डॉक्टर ने बातचीत में बताया कि सुपरमार्केट को साफ कर दिया गया था, इसलिए हम किसी भी ऐसी चीज की पहचान नहीं कर पाए, जिससे वायरस इंसानों में पहुंचा हो। क्वोक युंग युएन ने कहा कि मुझे भी शक है कि वुहान में कोरोना के मामले को छिपाने के लिए उन लोगों ने कुछ साजिश की है। इसके बाद उनका भी पता नहीं चल सका।