अपने ‘मसीहा’ सोनू सूद का बनाया मंदिर, उतारी आरती, कहा- वे हमारे भगवान 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : कोरोनाकाल में अभिनेता सोनू सूद ‘मसीहा’ के रूप में उभरे। उन्होंने हरसंभव मजदूरों की सेवा की। लॉकडाउन में हजारों-लाखों प्रवासी मजदूर जब पैदल ही घर वापसी के लिए सड़कों पर उतरे, तो सोनू सूद अपने आपको न रोक सके।  उन्होंने इन प्रवासी मजदूरों के केवल घर जाने का ही नहीं, बल्कि खाने-पीने का भी इंतजाम किया। अब इन फैन्स ने आभार जताते हुए सोनू सूद का मंदिर ही बना दिया है। तेलंगाना के सिद्दीपेट जिले के डुब्बा टांडा गांव के लोगों ने सोनू सूद के सम्मान में एक मंदिर बना दिया है। बड़ी बात यह है कि खुद आगे आकर अधिकारियों ने भी उनकी सहायता की।

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रविवार 20 दिसंबर को मंदिर खोला गया है। इसमें स्थानीय लोगों ने सोनू सूद की मूर्ति  लगाई है। मंदिर के खुलने पर लोगों ने जयकारे के साथ उनकी आरती उतारी। स्थानीय महिलाओं ने पारंपरिक परिधानों में लोकगीत भी गाए। खुद जिला परिषद मेंबर गिरि कोंडल रेड्डी ने कहा कि सोनू सूद ने कोरोना आपदा के दौरान लोगों की भरपूर मदद की थी, इसलिए उनका स्थान भगवान जैसा है और उन्होंने सोनू का मंदिर बना दिया। रेड्डी ने यह भी कहा कि सोनू सूद उनके लिए भगवान की तरह हैं।

सोनू सूद की मूर्ति बनाने वाले मधुसूदन पाल ने कहा कि सोनू ने लोगों की मदद करके उनके दिल में जगह बना ली है। अभी उन्होंने केवल एक छोटी सी मूर्ति बनाई है, जो सोनू सूद के लिए गिफ्ट है।  बहुत से लोगों ने सोशल मीडिया पर सोनू सूद को भारत रत्न दिए जाने की भी मांग की है।

बता दें कि सोनू सूद मुख्य रूप से हिंदी फिल्मों के कलाकार माने जाते हैं, लेकिन उन्होंने तमिल, तेलुगू और पंजाबी सहित कई भाषाओं की फिल्में की हैं। सोनू ने अपना डेब्यू भी हिंदी नहीं, बल्कि तमिल फिल्म से किया था। साल 2002 में सोनू निगम ने फिल्म ‘शहीद ए आजम’ से बॉलिवुड में डेब्यू किया।