राज्य सरकार ने केंद्र को भेजी थी 98 नामों की सिफारिश, सिंधुताई सपकाळ को मिला पद्मश्री पुरस्कार

मुंबई : ऑनलाइन टीम – राज्य के महाविकास आघाडी सरकार ने पुरस्कारों के लिए केंद्र के 98 गणमान्य लोगों के नामों की सिफारिश की थी। लेकिन, केंद्र की ओर से केवल वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सिंधुताई सपकाळ को पद्मश्री मिला। राज्य ने सिफारिश की थी कि उन्हें पद्म भूषण दिया जाये लेकिन उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया जाएगा।

जाने-माने उद्योगपति मुकेश अंबानी, लिटिल मास्टर सुनील गावस्कर, एचडीएफसी बैंक के चेयरमैन दीपक पारेख को पद्म विभूषण के लिए सिफारिश की थी।हालांकि, महाराष्ट्र से किसी को भी यह पुरस्कार नहीं मिला है। सिंधुताई सपकाळ, ‘सिरम’ के अदर पूनावाला, प्रोफेशनल स्कायडायव्हर शीतल महाजन, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, अभिनेते मोहन आगाशे, कै. राजारामबापू पाटील व डॉ. मिलिंद कीर्तने के नामों को पद्म भूषण के लिए सितंबर में ही भेज दिया गया था। पद्मश्री के लिए सांसद संजय राऊत, यशवंतराव गडाख, डॉ. जगन्नाथ दीक्षित, मधुकर भावे सहित 88 नामों की सिफारिश राज्य द्वारा की गई थी।

पद्मश्री के लिए सिफारिश किये गए नाम –
मारुती चितमपल्ली, अनिरुद्ध जाधव, प्रकाश खांडगे, विजया वाड, सदानंद मोरे, शिवराम रेगे (मरणोत्तर), शं.ना. नवरे (मरणोत्तर), दीपक मोडक, विठ्ठल पाटील, शंकरराव काळे (मरणोत्तर), लक्ष्मीकांत दांडेकर, यशवंतराव गडाख, राधेश्याम चांडक, निरजा बिर्ला, राजश्री पाटील, धनंजय दातार, प्रभाकर साळुुंखे, उदय कोटक, विलास शिंदे, शशिशंकर (रवी) पंडित, उदय देशपांडे, प्रभात कोळी, खाशाबा जाधव (मरणोत्तर), अंजली भागवत, अजिंक्य राहाणे, युवराज वाल्मीकी, शंकर नारायण, स्मृती मानधना, वीरधवल खाडे, अशोक हांडे, रोहिणी हत्तंगडी, आरती अंकलीकर टिकेकर, अश्विनी भिडे देशपांडे, विठाबाई नारायणगावकर (मरणोत्तर), सत्यपाल महाराज, ऋतिक रोशन, रघुवीर खेडकर, सुबोध भावे, प्रेमानंद गजवी, अशोक पत्की, अनिल मोहिले (मरणोत्तर), दिलीप प्रभावळकर, सुधीर गाडगीळ, राणी मुखर्जी, उद्धवबापू आपेगावकर, नागराज मंजुळे, गौतम राजाध्यक्ष (मरणोत्तर), रणवीरसिंग, मोहन जोशी, अशोक सराफ, राजदत्त, ऋषी कपूर (मरणोत्तर), अजय-अतुल, मुक्ता बर्वे, विक्रम गोखले, डॉ. अमोल कोल्हे, मिलिंद गुणाजी, पंडित अजय पोहनकर, जॉनी लिवर, डॉ. दुरू शहा, डॉ. ऋतुजा दिवेकर, मीनल भोसले, डॉ. शैलेश श्रीखंडे, डॉ. चित्तरंजन पुरंदरे, डॉ. कृष्णा कांबळे, डॉ. राहुल पंडित, डॉ. सुरेश भोसले, डॉ. मुफझल लकडावाला, डॉ. जगन्नाथ दीक्षित, डॉ. प्रतीत समदानी, डॉ. हिंमतराव बावसकर, डॉ. सुलतान प्रधान, अफरोज शहा, दिनू रणदिवे (मरणोत्तर), मधुकर भावे, एकनाथ ठाकूर (मरणोत्तर), जयंत बर्वे, संजीव उन्हाळे, आभा लांबा, विजयसिंह थोरात, गुलाबराव पाटील (मरणोत्तर), संजय राऊत, दीपक साठे (मरणोत्तर), हंसा योगेंद्र, रमाकांत कर्णिक।

अनाथ बच्चों की माता सिंधूताई सपकाल को केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पुर्व संध्या पर पद्मश्री पुरस्कार घोषित किया है। जिससे जिले को और एक बडा सन्मान मिला है। सिंधूताई सपकाल का जन्म सेलु तहसील के जंगलव्याप्त नवरगाव गांव में अभिमान साठे के यहां हुआ था। गाव जंगल से घिरा होने के कारण उनका परिवार मवेशियों को पालने का काम करता था। 4 थी तक शिक्षा अधिग्रहन करने के उपरांत 9 साल की उम्र में उनका विवाह उनसे करीब 26 साल बडे श्रीहरी सपकाल से हुआ। विवाह के उपरांत ससुराल में उनकी प्रताडना भी होती थी। वनविभाग व्दारा गोबर उठाने का कार्य किया।

ससुराल व मायके ने ठुकराने से आहत सिंधूताई ट्रेन पकडकर चली गई। मनमाड,नांदेड व परभणी रेलवे स्टेशन पर भिक मांगकर अपना व पुत्री का  गुजारा किया। इसी दौरान बेटी के साथ ही उन्होंने अनाथ बच्चों को संभालने काम किया। सिंधुताई सपकाल ने कहा कि कुछ ऐसा हुआ जिसकी मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी। मैं इस पद्म श्री को अपने बच्चों को समर्पित कर रहा हूं।