ड्रेगन को डराने लगा पश्चिम का शेर

बीजिंग : समाचार ऑनलाईन – कहा जाता है कि लड़ाई उसी से करो जिससे आप मजबूत हो और इससे आपका नुकसान कम सामने वाले का नुकसान ज्यादा  हो। लेकिन चीन को शायद यह बात समझ नहीं आती है। वह अपने देश में शेर समझकर हर किसी को आंखें दिखाने में कई बार नुकसान उठा चुका है। इस बार पश्चिम के शेर अमेरिका ने ऐसा पंजा मारा है कि ड्रेगन की सांसें फूलने लगी है। अमेरिका व्यापारिक प्रतिबंधों ने चीन की ऐसी हालत कर दी है कि उसे मुंह छिपाने के लिए भी अब जगह नहीं मिल रही।

तीन दशक के सबसे निम्न स्तर 6.2 प्रतिशत पर रही
चीन की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार इस साल की दूसरी तिमाही में करीब तीन दशक के सबसे निम्न स्तर 6.2 प्रतिशत पर रही। अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और वैश्विक स्तर पर मांग में कमी के चलते कम्युनिस्ट देश की जीडीपी वृद्धि दर में कमी आई है।

चीन की सरकार के आंकड़ों के मुताबिक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पहली तिमाही के 6.4 प्रतिशत से घटकर 6.2 फीसदी पर आ गयी है। चीन में काफी चिंता पैदा हो गयी है जीडीपी की यह वृद्धि दर दूसरी तिमाही में पिछले 27 साल में सबसे कम है। इससे चीन में काफी चिंता पैदा हो गयी है, क्योंकि देश की आर्थिक वृद्धि की रफ्तार 2009 में वैश्विक आर्थिक संकट के समय भी 6।4 प्रतिशत से नीचे नहीं आयी थी।

चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो (एनबीएस) द्वारा जारी आंकड़े के मुताबिक पहली छमाही में चीन का सकल घरेलू उत्पाद सालाना आधार पर 6.3 प्रतिशत बढ़कर 45,090 अरब युआन (करीब 6,560 अरब डॉलर) की हो गयी। हालांकि, दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी वृद्धि की रफ्तार 6.2 प्रतिशत रही। हालांकि, जीडीपी के ये आंकड़े पूरे साल के लिए सरकार के 6।0-6।5 प्रतिशत के लक्ष्य के अनुरूप हैं। एनबीएस के प्रवक्ता माओ शेंगयोंग ने कहा, घरेलू एवं विदेशी मोर्चे पर अर्थव्यवस्था की स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में नरमी आ रही है और बाह्य अस्थिरता एवं अनिश्चितताएं बढ़ रही हैं।