बार-बार मायके जाना ठहरा तलाक का कारण

नागपुर: सिर्फ सयुक्त परिवार ही नहीं बल्कि बहुत सारे ऐसे कारण हैं जिसके कारण पति पत्नी को अलग होना पड़ता है। ऐसी ही एक घटना नागपुर में हुई है। जॉन और रीता (बदले हुए नाम) के तलाक को नागपुर खंडपीठ ने सिर्फ इसलिए उचित ठहराया है क्योकि रीता बार-बार पति को बिना बताये मायके जाती थी। बार-बार मायके जाने के कारण दोनो के बीच इतना विवाद हुआ कि तलाक तक बात आ गयी।

कोर्ट ने ये कहते हुए इस तलाक को उचित ठहराया कि पति को बिना बताये मायके जाना, वहां महीने महीने रहना और छोटी-छोटी बातो पर लड़ाई करना व पुलिस में शिकायत करने से पति का मानसिक शोषण होता है।

नागपर के रीता और जॉन की शादी 24 अक्टूबर 2007 को हुई थी। उसके बाद रीता कुछ दिन मायके में रही। उसकी स्वतंत्र रहने की इच्छा थी, इसलिए वो बार-बार मायके जाने लगी। जॉन उसे कई बार वापस लेकर आया। उसके बाद रीता ने पुलिस थाने में धोखे की शिकायत दर्ज करायी। महिला सेल की मध्यस्ता से वो विवाद खत्म हुआ। बच्चे के जन्म के बाद भी रीता ससुराल आने के लिए तैयार नही थी। जॉन द्वारा भेजे गये कानूनी नोटिस की वजह से वो वापस आयी। उसे सयुक्त परिवार में नही रहना था इसलिए जॉन ने किराये का घर लिया था। वो वहा भी शांत नही बैठी। वो हमेशा लड़ाई करके जॉन को मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करती थी। परिणामस्वरूप जॉन ने तलाक के लिए कुटुम्ब न्यायालय में याचिका दाखिल की। 2 मई 2017 को इस याचिका को मंजूरी मिली। इस निर्णय के खिलाफ रीता ने हाईकोर्ट में अपील की, लेकिन कोर्ट ने रीता की अपील को खारिज करते हुए कुटुम्ब न्यायालय के फैसले को कायम रखा