घूसखोरी के मामले में गिरफ्तार सरपंच व उपसरपंच के पद खारिज

पुणे : समाचार ऑनलाइन – ग्राम पंचायत की सीमा में घर व घरपट्टी दर्ज कराने के लिए तीन लाख की घूस लेने के मामले में गिरफ्तार मुलशी तालुका की आंबवणे ग्रामपंचायत के सरपंच एवं उपसरपंच के पद रद्द कर दिए गए हैं। गिरफ्तारी के बाद उनके पद रद्द करने के मामले में पुणे के संभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसकर के समक्ष सुनवाई चल रही थी। इसमें सरपंच मछिंद्र चंद्रकांत कराले, उपसरपंच गणेश गजानन मानकर (दोनों निवासी आंबवणे, मुलशी, पुणे) के पद रद्द करने के आदेश दिए गए हैं। इस बारे में वैभव गवली ने शिकायत दर्ज कराई थी।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शिकायतकर्ता गवली वीरेंद्र मोहनलाल चंदालिया के केयर टेकर के तौर पर कामकाज संभालते हैं। उनकी मुलशी तालुका के देवघर गांव में नेचर सोसाईटी के पास 4 हेक्टर 45 गुंठा जमीन है। वहां उन्होंने दो हजार वर्ग फीट का घर बनाया है। उसकी देखभाल आदि की जिम्मेदारी गवली के पास है। उपसरपंच गणेश मानकर ने गवली से लोनावला में मुलाकात की और चंदालिया के नए घर और उसकी घरपट्टी ग्राम पंचायत में दर्ज कराने के लिए 50 हजार रुपए की मांग की।

दो दिन बाद गवली ने उनसे मुलाकात की तो मानकर ने सरपंच कराले के साथ मिलकर तीन लाख रुपए की मांग की। इस पर गवली ने एंटी करप्शन ब्यूरो के पास शिकायत की और ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाकर दोनों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। अदालत ने दोनों को येरवडा जेल भेज दिया। इस गिरफ्तारी के बाद उन दोनों के पदों के मामले में पुणे के संभागीय आयुक्त के समक्ष सुनवाई चल रही थी, जो पूरी हो गई। इसमें मानकर और कराले को अपने पदों का दुरुपयोग कर आर्थिक लाभ हासिल करने की बात साबित हो गई। इसके चलते दोनों के पद खारिज करने का आदेश संभागीय आयुक्त डॉ. दीपक म्हैसकर ने दिया।