महापौर का आदेश प्रशासन के कूड़ेदान में

स्मार्ट सिटी का डेटा न बचा सकने वाली कंपनी से एंटी वायरस सिस्टम खरीदने का फैसला
पिंपरी। बीते माह पिंपरी चिंचवड़ मनपा की स्मार्ट सिटी परियोजना के सर्वर पर सायबर अटैक हुआ जिसमें काफी अहम डेटा इनक्रिप्ट किया गया। इस अटैक से पांच करोड़ रुपए का नुकसान होने का अंदेशा लगाया गया। इस मामले की जांच अभी जारी ही है कि मनपा की ओर से जो कंपनी स्मार्ट सिटी का डेटा तक सुरक्षित नहीं रख सकी उसी कंपनी को एंटी वायरस सिस्टम का ठेका देने का फैसला किया गया है। जबकि खुद महापौर ऊषा ढोरे इसका टेंडर रद्द करने को लेकर मनपा आयुक्त को पत्र लिखा था। अब लग रहा है कि प्रशासन ने उनका पत्र भी कूड़ेदान में डाल दिया है।
मनपा के कम्प्यूटर एवं सर्वर के लिए एंटीवायरस सिस्टम एवं सपाेर्ट स्टाफ की खरीदी हेतु ई-टेंडर जारी किया गया था। तीन सालाें की अवधि वाले इस ठेके की लागत 60 लाख 30 हजार रुपए थी। हालांकि मेसर्स वाेल्कर्सा टेक्नो साेल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी ने अपेक्षित से 45.47% कम दर यानी 32 लाख 88 हजार रुपए का टेंडर पेश किया। चूंकि यह दर सबसे कम था अतः उसी के टेंडर को मंजूरी दी गई। पिछले सप्ताह मनपा की स्थायी समिति की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया गया, मगर बैठक स्थगित हाे जाने की वजह से प्रस्ताव पर निर्णय नहीं लिया जा सका। एंटीवायरस सिस्टम कमजाेर हाेने की वजह से मनपा के स्मार्ट सिटी परियोजना पर साइबर अटैक हुआ व बड़े पैमाने पर डेटा इन्क्रिप्ट किया गया।
इस बारे में पुलिस में दर्ज कराई गई शिकायत में कहा गया है कि टेक महिंद्रा, क्रिस्टल इंटिग्रेटेड एवं आरसिस इन्फा कंपनी काे स्मार्ट सिटी की जिम्मेदारी साैंपी गई है। इन कंपनियाें की लापरवाही की वजह से ही यह घटना घटी। पुलिस जांच में भी इन कंपनियाें द्वारा लापरवाही बरते जाने की बात उजागर हुई है। इसके बावजूद इन कंपनियाें की निदेशक मुंबई स्थित मेसर्स वाेल्कसा टे्ननाे साेल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की भी निदेशक है, उस कंपनी काे मनपा भवन के कम्प्यूटर व सर्वर के लिए एंटीवायरस सपाेर्ट सिस्टम की खरीदी का ठेका देने का फैसला किया गया है। खुद मनपा आयुक्त राजेश पाटिल ने इसका प्रस्ताव स्थायी समिति में पेश किया है। महापाैर उषा ढाेरे ने एक पत्र द्वारा मनपा आयुक्त से इस प्रस्ताव काे रद्द करने की मांग की है, मगर इस पत्र पर काेई कार्यवाही नहीं की। उल्लेखनीय है कि जिस कंपनी काे ठेका देने का प्रस्ताव पेश किया गया है, उस कंपनी तथा जिस कंपनी की लापरवाही की वजह से साइबर अटैक हुआ उस क्रिस्टल इंटीग्रेटेड कंपनी का निदेशक एक ही है।
साइबर अटैक मामले में मनपा की दुनियाभर में बदनामी हुई है। स्मार्ट सिटी परियोजना का डेटा असुरक्षित हाे गया है। साइबर अटैक करने वाले लाेगाें ने एक महीने तक लगातार सिस्टम क्रैक करने का प्रयास किया। इस विषय में इन तीनाें कंपनियाें के पास प्राथमिक जानकारी भी नहीं है। इन तीनाें कंपनियाें की लापरवाही साबित हाे जाने के बावजूद अब फिर इन्हीं कंपनियाें काे कंप्यूटर और सर्वर के सुरक्षा की जिम्मेदारी साैंपी जा रही है। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि जाे कंपनी स्मार्ट सिटी का डेटा सुरक्षित नहीं रख पाई, वह मनपा के सभी विभागाें का डेटा किस तरह सुरक्षित रख पाएगी? महापाैर उषा ढाेरे ने इस विषय में 22 मार्च काे मनपा आयुक्त काे पत्र देकर कहा था कि इस परियोजना के लिए जारी किया गया टेंडर 52 व 48 फीसदी कम दर का हाेने के चलते इस विषय में लिया गया निर्णय ही गलत है। क्या मनपा द्वारा निर्धारित दर से करीबन आधी कीमत पर सप्लाई किया जाने वाला एंटीवायरस सिस्टम सुरक्षित रहेगा? यह सवाल उठाते हुए इसका टेंडर रद्द करने की मांग महापाैर ने की थी, मगर इस पत्र पर काेई कार्यवाही नहीं की गई।